Vastu Tips for House: वास्तु शास्त्र में ईशान कोण का विशेष महत्व बताया गया है. पूजा, घर निर्माण आदि के कार्य में ईशान कोण बेहद पवित्र और सबसे शुभ दिशा मानी जाती है. इसे भगवान शिव की दिशा भी माना जाता है. ईशान कोण के स्वामी बृहस्पति हैं. आइए जानते हैं ईशाण कोण क्या है, इसका महत्व और घर में ईशान कोण में क्या नहीं रखना चाहिए.


ईशान कोण क्या है ? (What is Ishan kon)


वास्तु शास्त्र के अनुसार घर, दफ्तर या फिर किसी भी भवन की उत्तर-पूर्व दिशा को ईशान कोण कहा जाता है. ईशान कोण चुंबकीय और सौर ऊर्जा का मिलन स्थल है. इस दिशा के नियमों का ध्यान रखा जाए तो व्यक्ति जीवन में सुख, समृद्धि की वृद्धि होती है.


ईशान कोण का महत्व (Ishan kon direction significance)


धार्मिक दृष्टि से ईशान कोण को देवताओं का निवास स्थल माना जाता है, इसीलिए ईशान कोण में घर या दफ्तर का पूजा स्थल बनाने की सलाह दी जाती है. इस दिशा में सकारात्मक ऊर्जा का संचार सदा बना रहता है. घर में पूजा मंदिर ईशान कोण में ही बनाना चाहिए. इस दिशा में बैठकर पूजा, मंत्र जाप करने से जीवन में खुशहाली आती है, देवी-देवाताओं का आशीर्वाद सदा बना रहता है. मां लक्ष्मी घर में वास करती हैं.


घर में ईशान कोण में क्या न रखें (Ishan kon Rules)



  • ईशान कोण में कभी गंदगी नहीं रखना चाहिए, इससे घर की बरकत चली जाती है. इस दिशा को हमेशा साफ रखें.

  • ईशान कोण में टॉयलेट, सेप्टिक टैंक्स, पानी की टंकी, सीढि़यां, स्टोर, रसोई आदि का निर्माण नहीं करना चाहिए क्योंकि इस से मानसिक परेशानी बढ़ती है. इस दिशा का तत्व जल है.

  • हमारा दिमाग कैसे काम करता है और कैसे उसकी निर्णय लेने की क्षमता प्रभावित होती है, ये ईशाण कोण दिशा पर निर्भर करता है. ऐसे में इस दिशा में कभी काले, नीले रंग की दिवारें न रखें 

  • इस दिशा में भारी चीजें रखने से बचना चाहिए. इससे वास्तु दोष पैदा होता है.


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