Vastu Tips For Money: वास्तु शास्त्र सकारात्मक और नकारात्मक ऊर्जा पर आधारित  है. वास्तु के अनुसार घर का निर्माण करने से घर किसी भी तरह के विघ्न-बाधा से बचा रहता है. घर में सुख-समृद्धि लाने के लिए वास्तु शास्त्र के नियम बहुत कारगर माने जाते हैं. सकारात्मक ऊर्जा घर में सुख-समृद्धि लाती है जबकि नकारात्मक ऊर्जा जीवन में कई तरह की परेशानियां लेकर आता है. कई बार सब सही तरीके से करने के बाद भी व्यक्ति को बार-बार अफलताओं का सामना करना पड़ता है. वास्तु के मुताबिक व्यक्ति की कुछ आदतें ही उसकी तरक्की में रुकावट डालती हैं जिनकी वजह से घर में हमेशा आर्थिक तंगी बनी रहती है. आइए जानते हैं कि वास्तु के अनुसार किन आदतों से व्यक्ति को तुरंत दूरी बना लेनी चाहिए.


तरक्की में रुकावट डालती हैं ये आदतें



  1. कई लोग बिस्तर पर बैठकर भोजन करते हैं. वास्तु शास्त्र के अनुसार, बिस्तर पर बैठकर खाना खाने से मां लक्ष्मी रुष्ट हो जाती हैं इसके साथ ही घर की सुख-शांति भंग हो जाती है. बिस्तर पर बैठकर खाने से घर के सदस्यों पर कर्ज भी बढ़ जाता है.

  2. रात में खाना खाने के बाद कई लोग किचन को ऐसे ही गंदा और सिंक में भी जूठे बर्तन छोड़ कर सो जाते हैं. वास्तु शास्त्र के अनुसार, रात में जूठे बर्तन छोड़कर सोने से मां अन्नपूर्णा नाराज हो जाती हैं. व्यक्ति को पैसों की तंगी के साथ मानसिक तनाव का सामना करना पड़ता है.

  3. वास्तु शास्त्र के मुताबिक, घर के मुख्य द्वार पर कभी भी कूड़ेदान नहीं रखना चाहिए. माना जाता है कि मुख्य द्वार से देवी-देवता घर के अंदर प्रवेश करते हैं जिससे घर सकारात्मक ऊर्जा प्रवेश आती है. ऐसे में मुख्य द्वार पर डस्टबिन रखने से मां लक्ष्मी नाराज हो जाती हैं. 

  4. दान-दक्षिणा करने से पुण्य मिलता है लेकिन वास्तु शास्त्र के अनुसार, सूर्यास्त के बाद किसी को भी दूध, दही, प्याज, नमक जैसी चीजों का दान नहीं करना चाहिए. माना जाता है कि शाम के समय इन चीजों के दान से मां लक्ष्मी नाराज हो जाती हैं और घर में दरिद्रता आती है.


ये भी पढ़ें


बढ़ती आयु हर व्यक्ति को कराती है इस एक बात का एहसास, जानें गीता के अनमोल विचार


Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना जरूरी है कि ABPLive.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.