अगर आपके बच्चों का मन पढ़ाई में नहीं लग रहा है...ध्यान भटक रहा है...वो चाहकर भी एकाग्रता से पढ़ाई नहीं कर पा रहे हैं तो ये वाकई चिंता का विषय है. ये सब वास्तु दोषों के कारण भी हो सकता है. ऐसे में अभिभावकों की परेशानी और भी बढ़ जाती है. लेकिन इन परेशानियों का इलाज वास्तु शास्त्र में छिपा है. कुछ वास्तु टिप्स को आज़मा कर आप अपने बच्चों की पढ़ाई व भविष्य से जुड़ी इन दिक्कतों से छुटकारा पा सकती हैं. चलिए जानते हैं छात्रों से जुड़े वास्तु टिप्स.



छात्रों के लिए अचूक वास्तु टिप्स (Vastu Tips for Students)


इन दिशाओं में बनाएं स्टडी रूम


अगर आप चाहते हैं कि आपके बच्चे मन लगाकर पढ़ाई करें व सफलता हासिल करें तो आपको स्टडी रूम  पूर्व, उत्तर दिशा या फिर ईशान कोण में बनाना चाहिए. 



पूर्व दिशा की ओर मुंह करके करें पढ़ाई


वहीं अगर पहले से ही स्टडी रूम पश्चिम दिशा में बना हुआ है तो ये सुनिश्चित करें कि बच्चा पूर्व दिशा की ओर मुंह करके पढ़ाई करे. इससे छात्रों को काफी लाभ मिलेगा. 



इस दिशा में सिर करके सोने से मिलेगा फायदा


इस बात का ध्यान रखें कि हमेशा छात्रों को दक्षिण या पश्चिम की ओर सिर करके सोना चाहिए. वास्तु की माने तो पश्चिम में सिर करके सोने से पढ़ने की इच्छा और भी मजबूत होती है. 



कमरे में सूर्य की रोशनी हो भरपूर


ध्यान रखें कि सूर्य की रोशनी स्टडी रूम में भरपूर आती हो. कहते हैं सूर्य नकारात्मक चीजों का नाश करता है और सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है. और छात्रों को सकारात्मक ऊर्जा की बहुत ही ज़रुरत होती है. लिहाज़ा कोशिश करें कि कमरे में सूर्य की किरणों का प्रवेश हों और सुबह के समय कमरे की खिड़कियां खोलकर रखी जाए.



मां सरस्वती का लगाएं चित्र


विद्या की देवी मां सरस्वती को माना जाता है. लिहाज़ा छात्रों के कममें देवी सरस्वती की तस्वीर अवश्य रूप से लगाई जानी चाहिए. चित्र ऐसी जगह लगाएं जहां पढ़ने के दौरान आप उसे देख सकें. वहीं पढ़ाई से पहले बुद्धि व बल की प्रार्थना करनी चाहिए.



इस रंग का करें प्रयोग


अगर आपके बच्चे को पढ़ाई करना पसंद नहीं है और या फिर पढ़ाई का नाम लेते ही उन्हें आलस आने लगता है तो स्टडी रूम में हरे रंग का इस्तेमाल ज्यादा से ज्यादा करें. दीवारों का रंग या फिर पर्दों का रंग, स्टडी टेबल का रंग हरा रखा जा सकता है. 



यहां बैठकर कभी ना करें पढ़ाई


पढ़ने के लिए कुछ विशेष बातों का ध्यान अवश्य रखना चाहिए. जिसके मुताबिक कभी भी बीम या दुछत्ती के नीचे बैठकर नहीं पढ़ना चाहिए. क्योंकि इससे पढ़ने में मन नहीं लगता. और मानसिक तनाव भी होता है.