Vastu Directions For Home: वास्तु शास्त्र में पूरब,पश्चिम, उत्तर और दक्षिण इन चारों दिशाओं की बहुत बड़ी भूमिका होती है. वास्तु शास्त्र घर को व्यवस्थित रखने की कला का नाम है. वास्तु के अनमोल मंत्रों को अपनाकर रहन-सहन को और बेहतर बनाया जा सकता है.


वास्तुशास्त्र के जरिए किस तरह दिशाओं के माध्यम से जीवन को सुखी और सम्पन्न बना सकते हैं. वास्तुशास्त्र में ईशान कोण का खास महत्व होता है. एक व्यक्ति पूर्ण रूप से स्वस्थ तभी माना जाता है जब वह शारीरिक के साथ-साथ मानसिक रूप से भी स्वस्थ है और ईशान कोण इसमें अहम भूमिका निभाता है. इसे भगवान शंकर का दिशा जोन भी कहते है. 


ईशान कोण की जरूरी बातें


मानसिक स्पष्टता, निर्णय लेने की क्षमता और पूजा स्थल के लिए ईशान कोण उत्तम दिशा होती है. ईशान यानी उत्तर-पूर्व दिशा में शौचालय या सीढ़ियों का निर्माण व्यक्ति के मन और मस्तिष्क से संबंधित बीमारियों का कारण बनता है. इसलिए इस स्थान को हमेशा स्वच्छ रखे. यहां पर आप लिविंग रूम या पूजा घर बना सकते हैं.


वास्तुशास्त्र में ईशान कोण का काफी महत्व है. हमारा दिमाग कैसे काम करता है और कैसे उसकी निर्णय लेने की क्षमता प्रभावित होती है, ये सब इसी दिशा पर निर्भर करता है. इस दिशा का रंग नीला-काला होता है और यहां का तत्व जल है. हालांकि यहां पर अग्नितत्व भी पूर्व की तरफ के हिस्से में प्रबलता से पाया जाता है.


घर बनवाते समय वास्तु की इन बातों का रखें ध्यान


घर में वास्तु दोष का होना एक सामान्य बात है लेकिन कभी-कभी यह सामान्य सी बात बड़ी समस्या बनकर आपके सुख चैन को छीन लेती है. इसीलिए जहां तक हो सके हमें वास्तु के कुछ सामान्य नियमों को ध्यान में रखकर अपने घर को वास्तु के मुताबिक बनाना चाहिए.


वास्तु के कुछ छोटे-छोटे टिप्स समस्याओं का समाधान करते हैं जिससे आप सुखी जीवन व्यतीत कर सकें. ईशान कोण में टॉयलेट, सेप्टिक टैंक्स, पानी की टंकी, सीढि़यां, स्टोर, रसोई आदि का निर्माण नहीं करना चाहिए क्यूंकि इस से मानसिक परेशानी बढ़ती है. 


ईशान कोण में ये चीजें बनवाने से स्वनिर्णय लेने की क्षमता में रुकावट आती है. नेगेटिव सोच का निर्माण होता है. घर की महिलाओं के लिए तो ये खास तौर से बहुत कष्टदायक होता है. घर की इस साइड की दीवारों पर लाल, गुलाबी तथा बैंगनी रंगों का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए. ईशान कोण चुंबकीय और सौर ऊर्जा का मिलन स्थल है. बच्चों को इस दिशा की ओर बैठाकर पढ़ाई करानी चाहिए.


ईशान कोण पर हमेशा छोटा सा मंदिर बनाएं. इस जोन में लाल, गुलाबी और बैंगनी रंगो का दीवारों पर इस्तेमाल न करें. यहां आप हल्के क्रीम या नीले रंग का इस्तेमाल करें. वास्तु के अनुसार इस दिशा को अच्छे से डेकोरेट करके रखना चाहिए. घर की इस दिशा में हैंडपंप, होद या कुआं बनवाया जा सकता है. यहां पर मटके या घड़े में जल भरकर रखा जा सकता है.


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