नई दिल्ली: रंग बिरंगी मछलियां हर किसी को आकर्षित करती हैं. घर में मछलियों को पालन बेहद शुभ माना गया है. इसीलिए कई घरों में मछलियों को एक्वेरियम में पाला जाता है. ये मछलियां घर की सुदंरता में तो चार चांद लगती ही हैं. साथ घर में आने वाली परेशानी और संकट को टाल देने की ताकत रखती है. वास्तुशास्त्र और ज्योतिष के अनुसार घर में पलने वाली मछलियां कई तरह के दोषों को दूर करने में सहायक होती हैं.


कई लोग घरों में फिश एक्वेरियम रखते हैं लेकिन इस फिश एक्वेरियम का किस तरह से इस्तेमाल किया जाना चाहिए. इसके बार में सही और पूरी जानकारी नहीं होती है जिस कारण इसका पूर्ण लाभ व्यक्ति को नहीं मिल पाता है. मछलियां बेहद शुभ होती हैं. इनमें खतरों को भांप लेने की गजब की क्षमता होती है. ये बेहद संवेदनशील होती हैं. एक्वेरियम में पाली जाने वाली मछलियां मांसाहारी प्रजाति की नहीं होनी चाहिए.


घर में एक निश्चित संख्या में ही मछली पाली जानी चाहिए. फिश एक्वेरियम इनकी संख्या 9 होनी चाहिए. अगर ऐसा संभव नहीं हो पा रहा है तो तीन मछलियां भी पाली जा सकती हैं. फिश एक्वेरियम में जिन 9 मछलियों को पाले उसमें रंगों का खास ख्याल रखें. ये सभी 9 मछलियां 9 ग्रहों का प्रतिनिधित्व करती हैं. इसलिए इनका रंग भी इन्ही ग्रहों से मिलता जुलता होना चाहिए. यदि ऐसा संभव नहीं हो पा रहा है तो फिश एक्वेरियम में 8 मछलियां चमकीली रंग और एक मछली काले रंग की पालनी चाहिए.


फिश एक्वेरियम की मछलियों पर नजर रखें. मछलियां जितनी खुश रहेगीं, घर में सुख समृद्धि बनी रहेगी. अगर कोई मछली मर जाती है तो समझ लें कि जीवन में आने वाली किसी संकट को इस मछली ने अपने ऊपर ले लिया. मछलियां हर आने वाले संकट को अपने ऊपर ले लेती हैं.


मछलियों की सेवा करने से ग्रह मजबूत होते हैं. भाग्य मजबूत होता है. मनोकामना पूर्ण होती है. फिश एक्वेरियम को घर में रखते समय ध्यान रखें कि इसे हमेशा उस स्थान पर रखें जहां पर सूरज की सीधी किरणें पड़ती हों. फिश एक्वेरियम को घर के बीच, रसोई घर के पास और बैडरूम में नहीं रखा जाना चाहिए. फिश एक्वेरियम जहां धन की कमी नहीं होने देता है वहीं कई प्रकार के मानसिक तनावों से भी बचाता है.