Vastu For child: माता पिता का सपना होता है कि उनकी संतान पढ़ने लिखने में होशियार हो. इस सपने को पूरा करने के लिए माता पिता हर प्रकार के जतन करते हैं बच्चों की छोटी-छोटी खुशियों को पूरा करने के लिए दिन रात कड़ी मेहनत करते हैं. लेकिन इतने प्रयासों के बाद भी जब वे देखते हैं कि बच्चों का मन पढ़ाई में नही लग रहा है या उन्हें कोई तकलीफ हो रही है तो माता पिता को बहुत दुख होता है.
बच्चों का जब पढ़ाई में मन नहीं लगता है तो इसका एक बड़ा कारण वास्तु दोष भी हो सकता है. जानकारी के अभाव में कभी कभी इस बात का पता ही नहीं चलता है, जिस कारण स्थिति बिगड़ती चली जाती है. इसलिए समय रहते इस समस्या का समाधान करना बहुत ही जरूरी हो जाता है.
पश्चिम दिशा में बच्चों का कमरा होना चाहिए
बच्चों का कमरा सही दिशा में होना बहुत ही जरूरी है. इसलिए जब भी नया मकान लें तो बच्चों के कमरों की सही दिशा पर ध्यान अवश्य दें. वास्तु शास्त्र के अनुसार बच्चे के कमरे के लिए पश्चिम दिशा को अच्छा माना गया है. इसके अतिरिक्त पश्चिम, उत्तर, उत्तर−पूर्व और दक्षिण−पूर्व उत्तम है. ध्यान रखें कि बच्चों का कमरा कभी भी दक्षिण−पश्चिम दिशा में नहीं होना चाहिए. इसके साथ ही बच्चे के कमरे का मध्य भाग हमेशा खाली रखना चाहिए.
उत्तर-पूर्व दिशा में होना स्टडी रूम
घर में यदि बच्चों का स्टडी रूम बनाना चाहते हैं तो इसके लिए उत्तर-पूर्व दिशा को सबसे अच्छा माना गया है. वास्तु शास्त्र के अनुसार इस दिशा में पढ़ने का स्थान होने से बच्चों की स्मरण शक्ति बढ़ेगी और उन्हें तनाव आदि की समस्या भी नहीं रहेगी. वहीं पढ़ते समय बच्चे का मुंह पूर्व या उत्तर दिशा की ओर होना चाहिए, इसी के अनुसार कमरे में स्टडी टेबल लगानी चाहिए. बच्चों के किताबों को रखने का स्थान पूर्व, उत्तर या उत्तर−पूर्व दिशाओं मे अच्छा माना गया है.
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