Venus Rahu transit in Aries : मेष राशि में पाप ग्रह राहु का गोचर है. जहां पर राहु के साथ शुक्र ग्रह भी विराजमान है. हालांकि राहु और शुक्र ग्रह की आपस में मित्रता है. लेकिन जब ये दोनों ग्रह मेष राशि में आकर बैठ जाते हैं तो इस अशुभ योग का प्रभाव बड़ जाता है. इसलिए जब तक मेष राशि में ये योग बना हुआ है तब तक सावधान रहने की आवश्यकता है.
मेष राशि (Aries)
ज्योतिष शास्त्र में मेष राशि को एक महत्वपूर्ण राशि के तौर पर देखा जाता है. राशि चक्र की ये पहली राशि है. मंगल को मेष राशि का स्वामी माना गया है. मंगल का स्वभाव उग्र है और इसे ग्रहों का सेनापति कहा जाता है. मंगल को साहस, रक्त, दुर्घटना, युद्ध, सेना, पुलिस आदि का कारक माना गया है. जब इस राशि में शुक्र और राहु की युति बनती है तो मंगल का प्रभाव होने के कारण क्रोध योग में वृद्धि होती है. जिस कारण व्यक्ति को कई बार परेशानियों का भी सामना करना पड़ता है.
राहु शुक्र योग (Rahu And Shukra Yog)
ज्योतिष शास्त्र में राहु का पाप ग्रह की श्रेणी में रखा गया है. राहु जीवन में अचानक होने वाली घटनाओं का कारक है. ये छाया ग्रह भी है. वहीं शुक्र को भोगविलास का कारक माना गया है. शुक्र का संबंध विदेश, सुख-सुविधाओं, लव और रोमांस से भी है.
कुंडली में शुक्र राहु की युति
जब राहु शुक्र की युति बनती है तो मनुष्य को सावधानी बरतनी चाहिए. क्योंकि इस युति को शुभ नहीं माना जाता है. श्रीमद्भागवत गीता में भगवान श्रीकृष्ण ने क्रोध को मनुष्य का सबसे बड़ा शत्रु बताया है. जब किसी की कुंडली में क्रोध योग बनता है तो उसे अपने स्वभाव के कारण परेशानियों का सामना करना पड़ता है. इस योग के कारण मनुष्य को बहुत जल्दी क्रोध आता है. सही और गलत का भेद नहीं कर पाता है. अनावश्यक विवादों में फंस जाता है. करीबी रिश्ते खराब होने लगते हैं. ऑफिस में साथियों का सहयोग प्राप्त नहीं होता है. भाई बहनों से संबंध खराब होते हैं. इस योग की अशुभता को दूर करने के लिए ये उपाय करने चाहिए-
- पत्नी को बाएं हाथ में चांदी का छल्ला पहनाएं.
- दूध और हरे नारियल का दान करें.
- मां दुर्गा की पूजा करें.
- महिलाओं का सम्मान करें.
- धन का प्रयोग सोच समझ कर करना चाहिए.
- गंभीर रोगों से पीड़ित लोगों की सेवा करनी चाहिए.
- वाणी को खराब न करें.
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