Shukra Mahadasha Effect, Venus Mahadasha Remedy: ज्योतिष शास्त्र के अनुसार ग्रहों का मानव जीवन पर शुभ और अशुभ दोनों प्रभाव पड़ता है. ग्रहों में शुक्र ग्रह का खास महत्व होता है. ज्योतिष शास्त्र में शुक्र को भौतिक सुख, वैवाहिक सुख, विलासता, धन, वैभव, कला, प्रतिभा, सौन्दर्य, रोमांस, काम-वासना और ऐश्वर्य दाता का कारक ग्रह माना जाता है. शुक्र ग्रह की महादशा का प्रभाव सबसे अधिक 20 साल तक रहती है. कुंडली में इनके नीच स्थिति में होने से नकारात्मक यानी अशुभ प्रभाव aहोता है जबकि उच्च स्थान पर होने से शुभ प्रभाव होता है.


शुक्र ग्रह की महादशा का जीवन पर प्रभाव


ज्योतिष के अनुसार हर इंसान को कभी न कभी शुक्र की महादशा का सामना करना पड़ता है. शुक्र की महादशा का फल व्यक्ति की कुंडली में उनके स्थान की स्थिति पर निर्भर करता है. शुक्र ग्रह अगर व्यक्ति की जन्मकुंडली में अशुभ (नीच) स्थिति में विराजमान हैं, तो इसका बुरा प्रभाव पड़ता है. शुक्र के नीच होने से व्यक्ति को शारीरिक, मानसिक, आर्थिक एवं सामाजिक कष्टों का सामना करना पड़ता है. शुक्र के कमजोर होने से व्यक्ति को भौतिक सुखों का अभाव होता है. उनकी कामुक शक्ति कमजोर होती है. महिलाओं में गर्भपात हो सकता है. किडनी और नेत्र संबंधी रोग होते हैं.


शुक्र दोष से मुक्ति के उपाय



  • शुक्र दोष से मुक्ति के लिए शुक्र ग्रह के मंत्र “शुं शुक्राय नम: या शुं शुक्राय नम:” का रोजना कम से कम 108 बार जाप करें.

  • शुक्र दोष से मुक्ति के लिए किसी जरुरत मंद ब्राहमण को दूध, दही, घी, कपूर, सफेद फूल और सफेद मोती का दान करें.

  • हर शुक्रवार को व्रत रखते हुए सुबह मां लक्ष्मी की पूजा करें. उसके बाद खीर बनाकर छोटी कन्याओं को बांटे.

  • रोजाना सुबह स्नानादि करके मां लक्ष्मी की पूजा करें उसके बाद आटे की रोटी सफेद गाय को खिलाएं.

  • हर शुक्रवार के दिन आटे में चीनी मिलाकर चीटियों को खिलाएं.




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