Vidur Niti: महात्मा विदुर विद्वान और दूरदर्शी व्यक्ति थे. विदुर जी महाभारत के प्रमुख पात्रों में से एक थे. उन्होंने  हमेशा सत्य और धर्म के मार्ग का अनुसरण किया. वे हस्तिनापुर के महामंत्री थे. उनकी बुद्धिमत्ता को देखते हुए महाराजा धृतराष्ट्र ने उन्हें अपना सलाहकार नियुक्त किया था.


विदुर नीति (Vidur Niti) में व्यक्ति को जीवन जीने की कला बताई गई है. इसमें मानव के गुणों की चर्चा की गई है. विदुर नीति के अनुसार जो इंसान इन बातों को आचरण में उतारता है. वह जीवन में सुखी रहता है. महात्मा विदुर ने विदुर में ऐसे लोगों के बारे में चर्चा की जिनसे लोगों को सावधान रहना चाहिए.


सामने वाले व्यक्ति का मुंह देखकर बातें करने वाले से सावधान, नहीं होते विश्वसनीय   


विदुर नीति के अनुसार इंसान को उन व्यक्तियों से हमेशा सावधान रहना चाहिए. जो सामने वाले का मुंह देखकर बातें करता है. विदुर जी कहते हैं कि जो व्यक्ति सामने वाले का मुंह देखकर बातें करता है उसकी बातों पर कभी भी विश्वास नहीं करना चाहिए. जो इन्सान ऐसे लोगों पर विश्वास करता है. उसे भविष्य में बहुत भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है. महाराजा ने इस तरह के व्यक्ति के बारे में विस्तार से जानने की इच्छा व्यक्त की, तो विदुर ने कहा कि महाराज जो व्यक्ति एक ही घटना के बारे में हर किसी से अलग-अलग तरह की बातें करता है अर्थात वह किसी से कुछ कहता तो दूसरे व्यक्ति से कुछ और.


ऐसे लोगों का चरित्र बेहद संदिग्ध होता है. विदुर जी कहते हैं कि ऐसे व्यक्ति संबंधों में संदेह पैदा कराते हैं. इस लिए इनकी बातों को पुष्ट किये बिना कोई कदम नहीं उठाना चाहिए. विदुर जी कहते हैं कि ऐसे व्यक्ति दूसरों की नजरों में श्रेष्ठ बने रहने और अपना उल्लू सीधा करने के लिए करते हैं, लेकिन इनकी सच्चाई जब सामने आती है, तो ऐसे व्यक्ति निंदा के पात्र बनते हैं.


 



 



 


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