Vidur Niti: महाराज विदुर को महाभारत काल के प्रमुख पात्रों में से एक माना जाता हैं. ये महान नीतिज्ञ, विवेकवान और बुद्धिमान व्यक्ति थे. विदुर जी ने विदुर नीति में जीवन के कई पहलुओं पर नीति परक बातें बतायी हैं. विदुर नीति में न केवल जीवन से जुड़ी समस्याओं का वर्णन मिलता है बल्कि इन समस्याओं का हल भी बताया गया है. विदुर नीति में उत्तम पुरुष के लक्षण बताए गए हैं. विदुर के अनुसार, इन गुणों वाले पुरुषों का मिलना बहुत मुश्किल होता है. जिस स्त्री को ऐसे पुरुष पति के रूप में मिल जाते हैं वे अपने को धन्य समझती है.


उत्तम पुरुष के लक्षण


विदुर नीति के अनुसार उत्तम पुरुष के ये लक्ष्ण होते हैं.  


परोपकार: विदुर नीति के अनुसार परोपकारी व्यक्ति का सम्मान स्वर्ग में भी होता है. उत्तम पुरुष उस मरे हुए पशु के समान होता है जिनका चमड़ा मृत्यु के बाद भी काम में आता है. विदुर के अनुसार, परोपकारी लोगों को मृत्यु के बाद स्वर्ग में भी पूजनीय स्थान मिलता है, जबकि परोपकार रहित मानव का जीवन व्यर्थ होता है.


धर्मशील: विदुर नीति के अनुसार, उत्तम पुरुष को चाहे जितना कष्ट मिले, उनके जीवन में कितने दुःख ही क्यों न आयें, वे अपना धर्म तटस्थ भाव से ही निभाते हैं. वे कभी भी अपने धर्म से विलग नहीं होते हैं. विदुर नीति के अनुसार, उत्तम पुरुष में कठोर से कठोर कष्ट और हर दुःख सहने की क्षमता होती है. इसलिए ये साधारण पुरुष के श्रेणी में नहीं आते हैं.   


दानवीर और सत्यवादी


विदुर नीति के अनुसार उत्तम पुरुषों में धर्म का पालन, दान करने, सत्य बोलने और मेहनत करने के गुण पाए जाते हैं. ऐसे उत्तम पुरुषों की चर्चा तीनों लोकों में होती है. ऐसे लोगों के द्वारा किये गए कार्यों के पुण्य का लाभ उनकी कई पीढियां उठाती हैं.


देवी-देवताओं के होते हैं कृपा पात्र


विदुर जी के अनुसार ऐसे पुरुष उत्तम से भी उत्तम होते है. इन पर देवी देवताओं की कृपा हमेशा बनी रहती है. ऐसे पुरुष को पति के रूप में पाकर स्त्री धन्य हो जाती है और स्वर्ग के समान सुख भोगती है.


 



 



 


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