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Vidur Niti: जीतनी है जिंदगी की हर जंग तो जीवन में उतार लें ये बातें
Vidur Niti: महात्मा विदुर नीति में ऐसी शिक्षाओं का उल्लेख है जिनको जीवन में उतार लेने से सफलता आपके कदम चूमती है और समाज में मान-सम्मान मिलता है.
Vidur Niti: महाभारत के प्रमुख पात्रों में से एक महात्मा विदुर भी थे. ये महान नीतिज्ञ, विवेकवान और बुद्धिमान व्यक्ति थे. महात्मा विदुर और महाराजा धृतराष्ट्र के बीच हुए वार्तालाप और संवाद का संकलन ही विदुर नीति है. इसमें कूटनीति, युद्धनीति से लेकर राजनीति की बारीक से बारीक बातों का उल्लेख किया गया है. महात्मा विदुर ने अपनी विदुर नीति में ऐसी बातों का उल्लेख किया है. जिसको जीवन में उतारने से वह हर काम में सफल होता है. आइये जानें विदुर नीति की ये शिक्षाएं:
- विदुर नीति के अनुसार व्यक्ति को काम, क्रोध और लालच को त्याग देना चाहिए. जिस व्यक्ति में ये तीनों अवगुण मौजूद होते हैं, उसके अंदर की आत्मा मर जाती है. विदुर नीति में इन तीनों अवगुणों को आत्मा का नाश करने वाला नर्क के 3 द्वार बताया गया है.
- इंसान को कभी गलत काम नहीं करना चाहिए, क्योंकि गलत काम तो वह अकेले करता है, परंतु उसका आनंद घर के सभी लोग लेते हैं, लेकिन उस पाप का भागीदार वह खुद अकेले होता है.
- विदुर नीत के अनुसार, नींद, डर, क्रोध, आलस्य और दीर्घसूत्रता मानव की ऐसी बुराइयां हैं. जो व्यक्ति को जीवन में सफल नहीं होने देती हैं. इस लिए जीवन में सफलता अर्जित करनी है तो इन बुराइयों को तुरंत छोड़ देना चाहिए.
- ईर्ष्या करने वाले, असंतुष्ट रहने वाले, क्रोध करने वाले, सदा शंका करने वाले और दूसरों के भाग्य पर जीने वाले लोग पूरे जीवन दुखी रहते है.
- जो लोग लाख मुसीबत आने पर भी दुखी नहीं होते हैं और धैर्य बनाकर एकसमान रहकर कार्य करते हैं, उनके जीवन में कभी असफलता नहीं आती है. उन्हें शत्रु कभी पराजित नहीं कर सकता है.
- जो लोग भरोसेमंद नहीं हैं, उन पर विश्वास न करें, लेकिन जो लोग विश्वसनीय हैं, उन पर भी बहुत अधिक भरोसा न करें.
- विदुर जी कहते हैं कि किसी धनुर्धर द्वारा छोड़ा गया बाण किसी की भी जान ले सकता है और नहीं भी, लेकिन बुद्धिमान व्यक्ति के द्वारा प्रयुक्त की गई वाणी और बुद्धि राजा के साथ –साथ राष्ट्र का विनाश कर देती है.
- पांच सुख -धन लाभ, अच्छा स्वास्थ्य, आज्ञाकारी संतान, श्रेष्ठ जीवन साथी और इच्छाएं पूरी करने वाली विद्या जिनके पास हैं. वे ही सुखी होते हैं.
- क्षमा को दोष न मानें. क्षमा कमजोर का गुण और शक्तिशाली का आभूषण है. जो लोग क्षमा को दोष मानते हैं वे लोग हमेशा दुखी रहते हैं.
Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना जरूरी है कि ABPLive.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.
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राजेश शांडिल्यसंपादक, विश्व संवाद केन्द्र हरियाणा
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