Vidur Niti: कैसे दंपत्ति हमेशा रहते हैं परेशान? जीवन हो जाता है नरक के समान
Vidur Niti: विदुर नीति लोगों को जीवन जीने की कला सिखाती है उन्हें जीवन को सुखमय बनाने का तरीका भी बताती है. इसमें यह भी बताया गया है कि दांपत्य जीवन में कैसे लोग परेशान रहते हैं? आइये जानें.
Vidur Niti: महात्मा विदुर महाभारत के सबसे लोकप्रिय पात्रों में से एक हैं. ये हस्तिनापुर के महाराजा धृतराष्ट्र के भाई एवं उनके महामंत्री और सलाहकार थे. राजनीति, धर्म नीति से संबंधित उनका चिंतन एवं ज्ञान अत्यंत प्रशंसनीय था. वे सत्यनिष्ठ एवं धर्मनिष्ठ उपदेशों के द्वारा कौरव एवं पांडु पुत्रों का मार्गदर्शन किया. महात्मा विदुर ने हमेशा न्याय और धर्म का पक्ष लिया. इसलिए उन्हें धर्मराज का अवतार माना जाता है.
महात्मा विदुर की स्पष्टवादिता और दूरदर्शिता के कारण महाराजा धृतराष्ट्र समय –समय पर इनसे सलाह लिया करते थे. विदुर नीति महात्मा विदुर और महाराजा धृतराष्ट्र के बीच इसी तरह के वार्तालाप और संवाद का संकलन है जो कि मावन जीवन के लिए आज भी बहुत ही उपयोगी हैं.
विदुर नीति में इस बात को भी बताया गया है कि कैसे व्यक्ति अपने दांपत्य जीवन में सुखी रहते हैं. जो लोग विदुर की इन बातों का पालन नहीं करते हैं उन्हें जीवन में अनेक प्रकार के कष्ट सहने पड़ते हैं. उनका जीवन नरक के समान हो जाता है. आइये जानें विदुर नीति की इन बातों को.
एक-दूसरे का साथ देने वाले दंपति हमेशा रहते हैं सुखी
विदुर नीति के अनुसार दांपत्य जीवन में जो पति-पत्नी अपना सम्मान अलग-अलग समझते हैं. वे जीवन भर कष्ट भोगते हैं. उनके बीच हमेशा क्लेश बना रहता है. जिसकी वजह से इन्हें सामाजिक, पारिवारिक और आर्थिक नुकसान होता है.
विदुर नीति के अनुसार जो लोग एक दूसरे का सम्मान करते हैं. एक दूसरे को समझते हैं, उनका दांपत्य जीवन खुशियों से भरा होता है. उन्हें कभी सामजिक जीवन में अपमान नहीं सहना पड़ता है. वे हमेशा आर्थिक विकास करते हैं. विदुर कहते हैं कि पति-पत्नी को कभी भी एक-दूसरे को अलग नहीं समझना चाहिए. इससे परिवार का सम्मान भी खराब होता है और खुद को भी अपमान का सामना करना पड़ता है.
पति-पत्नी को एक-दूसरे की करनी चाहिए प्रशंसा
दांपत्य जीवन को सफल और सुखमय बनाने के लिए पति-पत्नी को एक-दूसरे का सम्मान करना चाहिए. एक दूसरे की हमेशा प्रशंसा करनी चाहिए. एक दूसरे के दुःख में दुखी होना चाहिए. कभी भी एक दूसरे को कटु बचन नहीं बोलना चाहिए और नहीं आपस में लड़ाई -झगड़ा करते रहना चाहिए.
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