Vidur Niti: महाभारत के प्रमुख पात्रों में से एक महात्मा विदुर, धृतराष्ट्र और पांडु के सौतेले भाई थे. वह हस्तिनापुर के प्रधानमंत्री और महाराजा धृतराष्ट्र के सलाहकार थे. उनको बेहद बुद्धिमान माना जाता है. महाभारत की कथा के अनुसार जब लाक्षाग्रह में दुर्योधन ने पांडवों को जलाने की कोशिश की थी तब विदुर ने उनको बचने की युक्ति इशारों में बताई थी. इस युक्ति की मदद से ही पांडव बच सके थे.


महात्मा विदुर महाभारत के युद्ध को रोकने के लिए बहुत प्रयास किये, परंतु वे इसे रोक पाने में असफल रहे. विदुर नीतियों में लोगों को जीवन में सफलता और सम्मान पाने के लिए कई उपाय बताये गए हैं. इनके अनुसरण से जीवन धन्य हो जाता है. हर तरफ प्रतिष्ठा मिलती है. वह जीवन में सब कुछ प्राप्त करता है.


विदुर नीति में वर्णित इन उपाय का करें पालन   


अतिथो देवो भव


हिंदू धर्म ग्रंथों में कहा गया है “ अतिथो देवो भव”. अर्थात घर में आया हुआ आगंतुक देव के तुल्य होता है. उसे घर में हमेशा उंचा स्थान दिया जाना चाहिए. जो इंसान इस भावना को मन में रखता है. वह अपने जीवन में सफल होता है तथा वह हर जगह सम्मान प्राप्त करता है. विदुर नीति के अनुसार, घर के दरवाजे पर आए हर किसी का सम्मान करना यश, कीर्ति और सफलता के द्वार खोलता है.


संन्यासी और साधूओं का करें सम्मान


विदुर जी कहते हैं कि जहां संन्यासियों और साधुओं का सम्मान होता है, वहां ज्ञान और धर्म दोनों होता है. जो लोग सन्यासियों और साधूओं का सम्मान करते हैं, उन्हें भी उन्हीं की तरह सम्मान मिलता है. विदुर जी कहते हैं कि संन्यासियों और साधुओं की संगत में रहने से ज्ञान और धर्म दोनों प्राप्त होता है. जहां ज्ञान होता है वहां सफलता मिलती है.


मानवता का धर्म सबसे बड़ा, इसे निभाएं


मानवता को सबसे बड़ा धर्म बताया गया है. जो इंसान इस धर्म का पालन करता है. अर्थात मानव धर्म का पालन करता है, उसे हर जगह सम्मान मिलता है और समाज में उच्च स्थान प्राप्त करता है.


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