Vidur Niti for Progressive life: महात्मा विदुर दासी पुत्र थे. ये महाराज धृतराष्ट्र के भाई और महामंत्री थे. महाभारत काल में इन्होंने महाराज धृतराष्ट्र को हर मानव जीवन के साथ-साथ उनके खुद के जीवन के कल्याण की बातें बताई थी, जो आज भी हर मानव की तरक्की और कल्याण के लिए मौजूदा समय में भी प्रासंगिक बनी हुई हैं. मानव की ये बुरी आदतें उनके जीवन को बर्बाद कर देती हैं. उन्हें पतन की ओर ले जाती है. इस लिए इन आदतों को तुरंत ही अपने से दूर कर देना चाहिए.


मनुष्य की ये आदतें होती हैं बुरी


लालच और स्वार्थपरता


अक्सर लोगों को यह कहते हुए सुना होगा कि लालच बहुत बुरी बाला है. लालच में आकर मनुष्य खुद अपना नुकसान कर बैठता है. विदुर नीति के अनुसार, लालच इंसान का सबसे बड़ा दुश्मन होता है. लालची व्यक्ति कभी तरक्की नहीं कर सकता है. जो व्यक्ति लालच करता है. उसका जीवन बहुत जल्द ही नष्ट हो जाता है तथा वह कभी सुखी नहीं रहता है. 


क्रोध या गुस्सा


कहा जाता है कि क्रोध नाश का मूल होता है. इस लिए व्यक्ति को कभी क्रोध नहीं करना चाहिए. विदुर नीति के अनुसार क्रोध में व्यक्ति सही और गलत के निर्णय की शक्ति खो देता है. ऐसे में मनुष्य कोई न कोई गलती करके अपना ही नुकसान कर बैठता है.  


त्याग की भावना का होना


त्याग की भावना मनुष्य का अनुपम गुण होता है. इसके होने से व्यक्ति के जीवन में सुख और शांति बनी रहती है. विदुर नीति के अनुसार, जिस व्यक्ति के अंदर त्याग की भावना नहीं होती है. वह बहुत स्वार्थी इंसान होता है. उसे हर चीज में अपनी ही ख़ुशी के अलावा और कुछ भी नहीं दिखाई देता है. ऐसे इंसान को दुःख के समय किसी का साथ नहीं मिलता. विदुर के अनुसार जिन व्यक्तियों के अंदर त्याग का गुण नहीं होता है. उनका जीवन काल लघु माना जाता है.




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