Vidur Niti: हर व्यक्ति के अंदर कुछ न कुछ गुण और अवगुण अवश्य पाए जाते हैं. व्यक्ति के अंदर के गुण उन्हें हर क्षेत्र में मान –सम्मान दिलाते हैं, जबकि उनके अवगुण उनके जीवन की प्रगति रोक देते हैं, उनका सुखमय जीवन नष्ट कर देते हैं. यही नही कुछ अवगुण तो ऐसे होते हैं जो उनका जीवन ही बर्बाद कर देते हैं. इस लिए हर व्यक्ति को अपने अंदर व्याप्त बुरी आदतों को निकाल देना चाहिए. विदुर नीति में मनुष्य के अंदर पायी जाने वाली कुछ ऐसी बुरी आदतों के बारे में बताया गया है, जिसे व्यक्ति को तुरंत निकाल देना चाहिए क्योंकि  मनुष्य की ये आदतें कभी सुखी जीवन नहीं जीनें देती हैं. इन आदतों के बारे में विदुर नीति में इस श्लोक के जरिए बताया गया है. आइये जानें इन बुरी आदतों के बारे में:-


श्लोक


अतिमानोअतिवादश्च तथात्यागो नराधिप। क्रोधश्चात्मविधित्सा च मित्रद्रोहश्च तानि षट्।।


एत एवासयस्तीक्ष्णा: कृन्तन्यायूंषि देहिनाम्। एतानि मानवान् घ्नन्ति न मृत्युर्भद्रमस्तु ते।।


इन बुरी आदतों का कर देना चाहिए परित्याग



  • विदुर नीति के अनुसार जो व्यक्ति हर समय अपनी ही प्रशंसा करता है. वह अभिमानी होता है. उसका अभिमान उसे कभी खुश नहीं रहने देता है.

  • जो व्यक्ति अपने को श्रेष्ठ और दूसरे को नीच या हीन मानता है. वह कभी जीवन में सुखी नहीं रह सकता है.

  • विदुर नीति के अनुसार जो व्यक्ति अधिक बोलता है. वह अपना ही नुकसान कर बैठता है क्योंकि ऐसे लोगों की बातें कभी किसी को बुरी लग सकती हैं, जिसके नकारात्मक परिणाम हो सकते हैं. बहुत ज्यादा बोलने की आदत कई बार मनुष्य का जीवन बर्बाद भी कर देती है.

  • विदुर नीति के अनुसार मित्रों को कभी धोखा नहीं देना चाहिए, क्योंकि सच्चे मित्र ही जीवन की हर मुश्किल घड़ी में काम आते हैं.

  • विदुर नीति में लालच को मनुष्य का दुश्मन कहा गया है. मनुष्य लालच के कारण अपनी भावनाओं को नियंत्रित नहीं कर पाता है. जिसके कारण वह कुछ न कुछ पाप अवश्य कर बैठता है. जोकि उनके जीवन को बर्बाद कर देती हैं.

  • क्रोध मनुष्य का सबसे बड़ा दुश्मन है. अधिक क्रोध आने पर व्यक्ति में सोचने समझने की शक्ति खो देता है. जिसके कारण वह गलत फैसला कर बैठता है. गलत फैसलें जीवन को बर्बाद कर देते हैं.



 


Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना जरूरी है कि ABPLive.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.