Vidur Niti , Qualities of Wise Man: महाभारत (Mahabhart) में महात्मा विदुर (Mahatma Vidur) बहुत ही महत्वपूर्ण व्यक्तित्व थे. उन्होंने महाराजा धृतराष्ट्र को बहुत सारी जीवनोपयोगी बातें बताई हैं जो आज भी उतनी ही प्रासंगिक हैं. विदुर नीति (Vidur Niti) में कुछ ऐसे गुणों का वर्णन किया है जो सच्चे मायने में ज्ञानी पुरुष के पास होता है. अर्थात इन गुणों से युक्त व्यक्ति ही सच्चा ज्ञानी कहलाता है. ऐसे ज्ञानी इंसान के पास किसी चीज की कमी नहीं होती है. इनके सामने हर कोई नतमस्तक होता है. आइये जानें इन गुण को.
दुर्लभ वस्तु पाने की नहीं होती कामना
श्लोक: नाप्राप्यमभिवाञ्छन्ति नष्टं नेच्छन्ति शोचितुम् । आपत्सु च न मुह्यन्ति नराः पण्डितबुद्धयः ॥
भावार्थ: जो व्यक्ति दुर्लभ वस्तु को पाने की इच्छा नहीं रखते हैं और नाशवान वास्तु को खोने का शोक नहीं करते हैं. विपत्ति आने पर उनका सामना करते हैं. वे ज्ञानी कहलाते हैं.
नहीं होता क्रोध, अहंकार आदि जैसे दुर्गुण
श्लोक: क्रोधो हर्षश्च दर्पश्च ह्रीः स्तम्भो मान्यमानिता। यमर्थान् नापकर्षन्ति स वै पण्डित उच्यते ॥
भावार्थ: जिस व्यक्ति में क्रोध, अहंकार, स्वार्थ, अति-उत्साह, दुष्कर्म, उद्दंडता आदि जैसे दुर्गुण नहीं होते हैं. उन्हें सच्चा ज्ञानी कहते हैं.
अपने राजधर्म में रखते हैं तटस्थ भाव
श्लोक: यस्य कृत्यं न विघ्नन्ति शीतमुष्णं भयं रतिः । समृद्धिरसमृद्धिर्वा स वै पण्डित उच्यते ॥
भावार्थ: अमीरी-गरीबी, सर्दी-गर्मी, प्रेम- घृणा आदि जैसी विषम परिस्थितियां भी जिस इंसान को अपने राजधर्म के पथ से विचलित न कर सके. वही सच्चा ज्ञानी होता है.
हर कार्य को समझते हैं अपना कर्तव्य
श्लोक: क्षिप्रं विजानाति चिरं शृणोति विज्ञाय चार्थ भते न कामात्। नासम्पृष्टो व्युपयुङ्क्ते परार्थे तत् प्रज्ञानं प्रथमं पण्डितस्य ॥
भावार्थ: जो लोग किसी भी विषय को बहुत ही जल्दी समझ लेते हैं. उसके बाद भी उसे बहुत ही धैर्य से सुनते हैं तथा किसी भी काम को अपना कर्तव्य समझकर करते हैं. किसी दूसरे के विषय में व्यर्थ की बातें नहीं करते हैं. सच्चा ज्ञानी कहलाते हैं.
विपरीत स्थिति में भी धर्म-पथ से नहीं होता विमुख
श्लोक: आत्मज्ञानं समारम्भः तितिक्षा धर्मनित्यता। यमर्थान्नापकर्षन्ति स वै पण्डित उच्यते ॥
भावार्थ: जो इंसान अपनी योग्यता को समझता हो और उसी के अनुरूप कल्याणकारी कार्य करता हो. विपरीत परिस्थिति में भी अपने धर्म –पथ से विचलित न होता हो, दुःख सहने की क्षमता रखता हो. उसे ज्ञानी पुरुष कहते हैं.
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