Vidur Niti: महात्मा विदुर भगवान श्री कृष्ण के बहुत प्रिय थे. वे हमेशा धर्म और न्याय के साथ रहते थे. महात्मा विदुर विद्वान, ज्ञानी और दूरदर्शी थे. इनकी इन्हीं विशेषताओं के कारण इन्हें हस्तिनापुर का महामंत्री नियुक्त किया गया था. महात्मा विदुर अपनी दूर-दृष्टि के कारण ही विदुर जी ने महाभारत युद्ध से पहले ही महाराज धृतराष्ट्र को युद्ध परिणामों के बारे में अवगत करवा दिया था.


महात्मा विदुर और महाराजा धृतराष्ट्र के बीच हुए संवादों एवं वार्तालापों का संकलन ही विदुर नीति है. इसमें उन गुणों का वर्णन किया गया है जिसके जरिए व्यक्ति हर क्षेत्र में सफलता प्राप्त करता है और समाज में सम्मान पाता है.


इन गुणों से युक्त व्यक्ति पाता है सम्मान और हर कार्य में सफलता



  • विदुर नीति के अनुसार, जो व्यक्ति अपना हर काम समय से पूरा कर लेता है. फालतू चीजों में अपना अमूल्य समय बर्बाद नहीं करता है. किसी भी काम के लिए सही समय पर फैसला लेता है. वह ज्ञानी होता है. जिसके पास ज्ञान होता है उसे हर जगह सम्मान मिलता है और हर काम में सफलता प्राप्त होती है. ज्ञानी व्यक्ति हर मुश्किल दौर में भी बड़े धैर्य के साथ रहते हैं. 

  • महात्मा विदुर जी कहते हैं कि जो व्यक्ति शक्तिशाली होते हुये भी क्षमा करने का गुण रखता है और गरीब होने के बाद भी प्रसन्नता पूर्वक दान देता है. ऐसे व्यक्ति को हर जगह सम्मान प्राप्त होता है. सफलता इनके कदम चूमती है.

  • विदुर नीति के अनुसार, जो व्यक्ति दूसरों को बहुत धैर्य से ध्यान पूर्वक सुनता है. हर विषय को सीखने का प्रयास करता है. हर कार्य को अपने बुद्धि और विवेक से पूरा करता है. ऐसे लोग ज्ञानी होते हैं.

  • व्यक्ति को नशा करने वाले लोगों से दूर रहना चाहिए क्योंकि व्यक्ति नशे में कुछ ऐसा कार्य कर बैठता है जिसका परिणाम साथ में रहने वाले लोगों को भी भुगतना पड़ता है.


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