Vish Yoga in Kundali, Saturn and Moon Conjunction: ग्रहों के राशि परिवर्तन से बनी ग्रहों की स्थितियों के कारण कुंडली में कई प्रकार के शुभ और अशुभ योग का निर्माण होता है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार कुंडली में जहां शुभ योग किस्मत बदलकर रख देते हैं वही अशुभ योग जीवन को संकटों से भर देते है.
शनि और चन्द्रमा की युति से बनने वाला विष योग अशुभ योग माना जाता है. ज्योतिष शास्त्र में विष योग को एक खतरनाक और अत्यंत बुरे फल देने वाला योग माना गया है.
कुंडली में विष योग से लोगों को कई दिक्कतों का करना पड़ता है सामना
मान्यता है कि जिस तरह से जहर अपना प्रभाव दिखाता है उसी तरह ये विष योग भी व्यक्ति को प्रभावित करता है. विष योग के कारण व्यक्ति का जीवन परेशानियों से घिर जाता है. विष योग के प्रभाव से व्यक्ति को जीवन में कई प्रकार की कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है. हर कार्य में बाधा आती है. मानसिक तनाव बना रहता है.
मन में बुरे और नकारात्मक विचार आते हैं. मन में सबकुछ त्याग देने की भावना आती है. जॉब, करियर, बिजनेस और सेहत से जुड़ी परेशानियां बनी रहती हैं. अनिश्चितता और स्थितिरता की स्थिति बनी रहती है. व्यक्ति का आत्मविश्वास नष्ट हो जाता है. निराशा और हताशा बनी रहती है.
कैसे बनता है विष योग
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार शनि और चंद्रमा की युति से कुंडली में विष योग का निर्माण होता है. कुंडली के किसी भी भाव में जब शनि और चंद्रमा युति बनाते हैं तो इस विष योग का निर्माण होता है. इसके अलावा शनि और चंद्रमा के गोचर से भी विष योग बनता है.
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जब शनि कमजोर और चंद्रमा बलवान होता है तो विष योग का प्रभाव कम हो जाता है. वहीं जब शनि और चंद्रमा एक दूसरे से 12 अंश दूर हों तो विष योग नहीं बनता है.
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