Vrish Rashi Ka Bhagyoday, Taurus Nature: राशि चक्र में वृष राशि या वृषभ राशि का दूसरा स्थान होता है. इसका चिन्ह बैल होता है और इसके स्वामी ग्रह शुक्र हैं. ये लोग कठिन परिश्रम करने वाले होता हैं और बिना सोचे-समझे किसी भी काम को करने के लिए जूझ जाते हैं. आइये जानें इनकी और क्या विशेषता होती है?
वृषभ राशि की विशेषताएं
दृढ संकल्प के होते हैं: वृषभ राशि वाले जातक विश्वसनीय होने के साथ-साथ व्यावहारिक और स्थायी होते हैं. इनकी सबसे बड़ी ताकत, इनका स्थायित्व, ईमानदारी और दृढ संकल्प का होना है. ये लोग जब अपना लक्ष्य तय कर लेते हैं, तो वे उस लक्ष्य को प्राप्त करने के बाद ही रुकते हैं. इस बीच इन्हें इनके मार्ग से विचलित करना बहुत मुश्किल होता है.
नहीं उठाते किसी प्रकार का रिस्क : ये लोग किसी प्रकार का जोखिम नहीं उठाते हैं क्योंकि इन्हें सुरक्षा पसंद है. इनके किसी प्रकार का जोखिम न उठाने का एक कारण इनका आलसी होना भी है. ये लोग अपने परखे हुए मार्ग पर ही चलते हैं.
सुरक्षित माहौल में रहना है पसंद : वृषभ राशि के लोग दृढ़ता पूर्वक अपने वातावरण, काम, घर या विचारों से जकड़े हुए रहते हैं. ये लोग इसे स्थायित्व का कारण मानते है. ये लोग नए परिवर्तनों को बड़ी मुश्किल से स्वीकार करते हैं.
दबाव में नहीं हटते हैं पीछे : वृषभ राशि के लोग दृढ संकल्प वाले होते है. दृढ संकल्प के माने में ऐसा इंसान मिलना मुश्किल है. ये जब नाराज होते हैं तो क्रोधी और क्रूर हो जाते हैं, लेकिन जब शांत होते हैं, तो ऐसा लगता है कि इन्हें कुछ हुआ ही नहीं था.
भौतिक सुखों की होती है चाहत: वृषभ राशि के जातकों को भौतिक सुख-सुविधा बहुत ही पसंद होती है. हालांकि ये लोग सिर्फ ये सुविधाएँ अपने लिए ही नहीं रखते हैं. बल्कि सभी पारिवारिक सदस्यों के लिए भी चाहते हैं.
वृषभ राशि का कब होता है भाग्योदय?
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, वृषभ राशि के जातकों का भाग्योदय उनके जीवन के 33वें वर्ष में, 44वें वर्ष, और 61वें वर्ष में होता है. इन वर्षों के दौरान इनकी किस्मत खुल जाती है. इन्हें हर कार्यों में सफलता मिलती है. आर्थिक स्थिति बेहतर हो जाती है.
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