Vrishabha Sankranti Upay: सूर्य जब एक राशि से दूसरे राशि में गोचर करता है तो उसे संक्रांति कहा जाता है. पूरे साल में 12 संक्रान्तियां होती हैं और हर एक संक्रांति का अपना अलग महत्व होता है. संक्रांति का समय बहुत फलदायी माना जाता है. इस दिन पितृ तर्पण, दान, धर्म और स्नान बहुत महत्वपूर्ण माने जाते हैं. इस समय सूर्य देव अपनी उच्च राशि मेष में हैं और 15 मई को वो वृषभ राशि में जाएंगे. वृषभ राशि में सूर्य के प्रवेश को वृषभ संक्रांति कहा जाता है.
वृषभ संक्रांति के दौरान सूर्य का महत्व और बढ़ जाता है. कुंडली में सूर्य की स्थिति शुभ हो तो जीवन में सभी प्रकार के सुखों की प्राप्ति होती है. वृषभ संक्रांति के दिन सूर्य देव को प्रसन्न करने से व्यक्ति यश और मान-सम्मान की प्राप्त होता है. जानते हैं वृषभ संक्रांति के दिन सूर्य देव को कैसे प्रसन्न कर सकते हैं.
वृषभ संक्रांति पर इस तरह करें सूर्य देव को प्रसन्न
इस दिन सूर्य देव की विशेष आराधना करनी चाहिए. सूर्योदय के समय सूर्य को अर्घ्य देने से भगवान सूर्यनारायण की कृपा बनी रहती है. इस दिन सूर्य आराधना से सूर्य ग्रह से संबंधी दोष दूर होते हैं. इस दिन दौरान ‘ॐ नमो भगवते वासुदेवाय’ मंत्र का जाप करना भी बेहद फलदाई होता है. मान्यताओं के अनुसार वृषभ संक्रांति के दिन सूर्य देव की कृपा प्राप्त करने के लिए ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए. इस दिन जितना हो सके जमीन पर ही सोए.
वृषभ संक्रांति के दिन दान-दक्षिणा का खास महत्व होता है. इस दिन जरूरतमंद लोगों को दान करना चाहिए. वृषभ संक्रांति के दिन भगवान सूर्य और विष्णु जी के साथ-साथ भोलेनाथ की भी पूजा करनी चाहिए. इस दिन पितरों की आत्मा की शांति के लिए तर्पण करना बहुत शुभ होता है.
विशेष फलों की प्राप्ति के लिए इस दिन गाय माता का दान करें या फिर किसी गौशाला में गायों के लिए जरूरी सामान का दान करें. इस दिन जरूरतमंद लोगों को घड़े सहित जल और पंखें का दान करने से जीवन में वरुण देव और सूर्य देव की कृपा बनी रहती है. साथ ही व्यक्ति को स्वास्थ्य संबंधी शुभ परिणाम भी प्राप्त होते हैं.
ये भी पढ़ें
इस दिन गलती से भी नहीं कटवाने चाहिए बाल, घट जाती है आयु
Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना जरूरी है कि ABPLive.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.