Rahu: राहु को छाया ग्रह माना गया है. कुंडली में राहु के शुभ चाल से इंसान तरक्की करता है और मान-सम्मान हासिल करता है. वहीं जिन लोगों की कुंडली में राहु अशुभ स्थान पर विराजमान होते हैं उनके जीवन में काफी उथल-पुथल मचाते हैं. वैदिक ज्योतिष शास्त्र के अनुसार राहु हमेशा उल्टी चाल चलते हुए राशि परिवर्तन करते हैं, जानकारों के अनुसार राहु किसी एक राशि में करीब डेढ़ वर्षों तक रहते हैं.  

राहु की चाल और शुभ-अशुभ प्रभाव व्यक्ति के वर्तमान और भविष्य दोनों को प्रभावित करता है. आइए जानते हैं राहु के शुभ-अशुभ प्रभाव से व्यक्ति के जीवन पर क्या प्रभाव पड़ता है. 

राहु का शुभ प्रभाव (Strong Rahu Symptoms)

 

  • राहु के शुभ प्रभाव के जातक हाजिरजवाब होते हैं
  • राहु के शुभ प्रभाव से व्यक्ति बड़े से बड़ा शत्रु को भी मित्र बना लेता है. 
  • ऐसे व्यक्ति में युक्तिबल काफी प्रबल होता है वे बड़े से बड़े मुश्किल से निकलने का तरकश रखते हैं. 
  • राहु के शुभ प्रभाव से व्यक्ति को विदेश में नौकरी तथा राजनीति में सफलता के चांस अधिक होते हैं. 
राहु का अशुभ प्रभाव (Symptoms of Bad Rahu)
  • राहु के अशुभ प्रभाव से व्यक्ति मक्कार हो जाता है. 
  • राहु के बुरे प्रभाव के कारण व्यक्ति को बेवजह, काल्पनिक भय उत्पन्न हो जाता है. 
  • राहु के अशुभ प्रभाव से ग्रसित व्यक्ति को कलंक का भागी होना पड़ता है. 
  • राहु के अशुभ प्रभाव से व्यक्ति की वाणी में कठोरता आ जाती है. 
  • ऐसा व्यक्ति छल, कपट और नशे की गिरफ्त में आ जाता है. 
  • राहु के दुषित प्रभाव के कारण व्यक्ति अपनी नैतिक जिम्मेदारी से भटक जाता है और विश्वास का पात्र नहीं रह जाता. 
राहु के उपाय (Rahu Upay)
  • राहु के दुष्प्रभाव से बचने के लिए जातक काले कपड़े, खट्टे फल, सरसों का तेल, तिल का तेल, गुड़ इत्यादि इन सब चीजों का दान करें.
  • गाय को हरा चारा खिलाने से राहु का प्रभाव कम होता है.
  • राहु के जितने दुर्गुण हैं जैसे झूठ बोलना, छल-कपट, लाचार व्यक्ति के प्रति हीन भावना इत्यादि बुरे कर्मों से दूर रहें.
  • सेहत के दृष्टिकोण से राहु वायु तत्व का कारक है. जिसके कारण बदहजमी, कब्ज, इत्यादि की समस्या उत्पन्न होती है. इससे बचने के लिए
  • गोभी, मटर, पनीर, राजमा, इत्यादि इन सब चीजों का खाने में कम से कम प्रयोग करें तथा रात के समय इन सबका बिल्कुल ही प्रयोग ना करें.
  • हरी चीजों का अधिक से अधिक सेवन करें.
  • बुद्धि-विवेक पर राहु का दुष्प्रभाव हो तो उससे बचने के लिए जातक को भ्रामरी और शीतलीकरण प्राणायाम करना चाहिए.
  • यदि राहु का प्रकोप बहुत ज्यादा है तो इसके लिए राहु शांति का अनुष्ठान कराएं.
  • रविवार के दिन दोपहर के समय भगवान भैरव जी के दर्शन करने से आपको लाभ मिलेगा. राहु के प्रभाव से जो विकट बाधा उत्पन्न होने वाली है, वह दूर हो जाएगी. 

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