सिविल सर्विस में ये ग्रह दिलाते हैं सफलता, कुंडली में कमजोर हैं तो करें ये उपाय
Astrology : सिविल सर्विस में जाने का सपना हर युवा का होता है, इस सेवा को देश की सबसे प्रतिष्ठित सेवा में शुमार किया जाता है. ग्रहों की चाल इस सेवा में सफलता दिलाने में कैसे सहायक है, जानते हैं.
Astrology, UPSC : सिविल सर्विस में जाने का सपना हर युवा का होता है. इसकी परीक्षा को देश के सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक माना जाता है. सिविल सर्विस एग्जाम में सफलता पाने के लिए विद्यार्थी कठोर परिश्रम करते हैं. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार कुछ ऐसे ग्रह होते हैं जो व्यक्ति को उच्च पद या प्रशासनिक पद दिलाने में सहायक माने गए हैं.
सिविल सर्विस में सफलता की पहली शर्त कठोर परिश्रम ही है. लेकिन इसके साथ जब ग्रहों की शुभता जुड़ जाती है तो इस प्रशासनिक पद हासिल करने की संभावना काफी प्रबल हो जाती है. ज्योतिष शास्त्र में कुछ ऐसे ग्रह बताए गए हैं, जो कुंडली में शुभ होने पर अच्छे परिणाम प्रदान करते हैं. ये ग्रह कौन से हैं आइए जानते हैं-
गुरु- इस ग्रह को बृहस्पति ग्रह के नाम से भी जानते हैं. शास्त्रों में बृहस्पति को देवताओं को गुरु कहा गया है. इसीलिए देव गुरु बृहस्पति भी कहा जाता है. बृहस्पति को ज्ञान का कारक माना गया है. इसके साथ ही उच्च पद का भी ये कारक है. कुंडली में यदि गुरु की स्थिति मजबूत है और शुभ स्थान पर विराजमान हैं तो प्रशासनिक सेवा में सफलता प्राप्त कराते हैं.
गुरु के उपाय: 'ॐ बृं बृहस्पते नम:' इस मंत्र का जाप करना चाहिए और गुरुवार के दिन भगवान विष्णु के सामने घी का दीपक जलाना चाहिए.
मंगल- कुंडली में मंगल ग्रह की शुभ स्थिति भी प्रशासनिक सेवाओं में सफलता दिलाने में सहायक मानी गई है. मंगल को ज्योतिष शास्त्र में ग्रहों का सेनापित बताया गया है. ये साहस और ऊर्जा का कारक है. शुभ और मजबूत स्थिति में होने पर ऐसे जातक है, पुलिस और सेना में बड़े अधिकारी होते हैं.
मंगल के उपाय: मंगलवार को हनुमान चालीसा का पाठ करना चाहिए. ऊं भौं भौमाए नम: मंत्र का जाप करना चाहिए.
शुक्र- ज्योतिष शास्त्र में शुक्र को एक प्रभावी ग्रह बताया गया है. शुक्र का संबंध लग्जरी लाइफ और सुख-सुविधाओं से है. जिन लोगों की कुंडली में शुक्र शुभ स्थान पर विराजमान होते हैं, और गुरु और मंगल की स्थिति मजबूत होती है तो ऐसे लोग उच्च पद प्राप्त करते हैं.
शुक्र का उपाय: ॐ शुं शुक्राय नम: इस मंत्र का जाप करना चाहिए और स्त्रियों का आदर सम्मान करना चाहिए.
इन ग्रहों की भी होती है अहम भूमिका
गुरु, मंगल और शुक्र के साथ साथ शनि, बुध और राहु-केतु की भी भूमिका अहम मानी गई है. शनि को जनता, न्याय और परिश्रम का कारक माना गया है. इन ग्रहों की दशाएं भी प्रभावित करती हैं. बुध को लेखन, वाणी, कानून, वाणिज्य और गणित का कारक माना गया है, वहीं पाप ग्रह राहु और केतु को जीवन में अचानक होने वाली घटनाओं का कारक माना गया है. इसके साथ ही ये दोनों ग्रह रहस्मय ग्रह भी कहलाते हैं. इसके साथ ही इनका संबंध शोध, गुप्त ज्ञान, जासूसी आदि से भी है.
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