मन का कारक चंद्रमा जब अशुभ होता है तो देता है मानसिक तनाव और भ्रम की स्थिति बनती है
चंद्रमा को ज्योतिष शास्त्र में मन का कारक माना गया है. चंद्रमा जब शुभ होता है तो व्यक्ति को धन भी कराता है, वहीं अशुभ होने पर मानसिक तनाव और भ्रम की स्थिति को पैदा करता है.
Moon In Hindi: ज्योतिष शास्त्र में चंद्रमा को विशेष ग्रह माना गया है. चंद्रमा का संबंध मन से माना गया है. चंद्रमा के स्वभाव को चंचल कहा गया है. चंद्रमा का हमारे जीवन पर विशेष प्रभाव रहता है. चंद्रमा का प्रभाव मनुष्य पर इसलिए भी अधिक रहता है क्योंकि ये पृथ्वी के सबसे नजदीक है.
व्यक्ति की सफलमा में चंद्रमा का महत्वपूर्ण योगदान माना गया है. मन का कारक होने के कारण व्यक्ति का जब मन अच्छा होता है तो वो हर कार्य को पूर्ण मनोयोग से करता है. सभी जानते हैं जब किसी कार्य को मन और पूर्ण परिश्रम से किया जाए तो उसमें सफल होने की संभावना बढ़ जाती है. वहीं जब मन खराब होता है तो हर कार्य प्रभावित होने लगते हैं. भ्रम की स्थिति उत्पन्न हो जाती है. जो बाद में मानसिक तनाव का कारण बन जाता है. इन स्थितियों में व्यक्ति अवसरों का पूर्ण लाभ नहीं उठा पाता है और नुकसान होना आरंभ हो जाता है.
चंद्रमा अशुभ होने पर ये परेशानी देते हैं ज्योतिष शास्त्र के अनुसार चंद्रमा खराब देने पर कई प्रकार की दिक्कतें देना आरंभ कर देते हैं. व्यक्ति किसी भी विषय पर निर्णय नहीं ले पाता है, एक भ्रम की स्थिति पैदा हो जाती है. इस कारण जॉब, व्यापार, प्रमोशन, शिक्षा और रोजगार आदि के क्षेत्र में कभी कभी परेशानियों का सामना करना पड़ जाता है. चंद्रमा के खराब होने पर मन अशांत रहता है, धन जिस तरह से आता है उसी गति से चला जाता है,कार्य समय से पूरा न हो पाना और करियर निर्माण में बाधा पैदा होने लगती हैं.
चंद्रमा का उपाय चंद्रमा को शुभ बनाने के लिए भगवान शिव की पूजा करें. सोमवार को भगवान शिव का अभिषेक करने से चंद्रमा का दोष समाप्त होता है. वहीं मोती धारण करने से भी चंद्रमा शुभ फल देता है. इसके साथ ही चांदी धारण करने से भी लाभ मिलता है. पूर्णिमा के दिन चंद्रमा को जल चढ़ाने से भी चंद्रमा के अशुभ प्रभावों को दूर करने में मदद मिलती है.
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