Shani Dev, Shanidev Wives Name: शनिदेव कलयुग में न्याय के देवता माने जाते हैं. ये लोगों को कर्मों के अनुसार फल प्रदान करते हैं. ज्योतिष में इन्हें क्रूर ग्रह माना गया है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार शनि देव अपनी पत्नी के श्राप के कारण क्रूर हुए. कहा जाता है कि शनि के भारी होने से दुर्घटनाएं और परेशानियां इंसान का पीछा पकड़ लेती हैं और वे उसके जीवन में उथल-पुथल मचा देते हैं. इस लिए शनि को हर प्रकार से प्रसन्न करने का प्रयास किया जाता है.
धार्मिक मान्यता है कि अगर शनिवार के दिन शनि देव के साथ ही उनकी 8 पत्नियों के नाम का जाप किया जाए, तो जीवन के बड़े से बड़ा संकट टल जाता है. शास्त्रों में कहा गया है कि जो भी व्यक्ति शनिदेव की पत्नियों के नाम का जप करता है. उस पर भी शनिदेव अपनी कृपा बरसाते हैं. आइये शनिदेव की कुल पत्नियों के बारे में जानें:-
शनि देव की पत्नियों के नाम
ध्वजिनी धामिनी चैव कंकाली कलहप्रिया। कंटकी कलही चाऽथ तुरंगी महिषी अजा।।
शनेर्नामानि पत्नीनामेतानि संजपन् पुमान्। दुःखानि नाशयेन्नित्यं सौभाग्यमेधते सुखम।।
शनिदेव की 8 पत्नियां
- ध्वजिनी
- धामिनी
- कलहप्रिया
- कंकाली
- तुरंगी
- कंटकी
- महिषी
- अजा
शनि देव को क्यों मिला अपनी पत्नी का श्राप
एक कथा के अनुसार, एक बार शनि देव की पत्नी संतान प्राप्ति की इच्छा मन में लिए पति के पास पहुंची. उस समय शनिदेव भगवान श्रीकृष्ण की आराधना में तल्लीन थे. पत्नी के लाख प्रयास के बावजूद शनि देव का ध्यान भंग नहीं हुआ. इससे शनि देव की पत्नी को क्रोध आ गया और उन्होंने अपने पति शनि देव को श्राप दे दिया. उनहोंने श्राप देते हुए कहा कि आज के बाद जिस किसी पर आपकी नजर पड़ेगी उसका जीवन तबाह हो जाएगा. तपस्या समाप्त होने के बाद शनिदेव ने पत्नी की ओर न देखने का कारण बताया, तो उनकी पत्नी को बहुत पछतावा हुआ.
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