Shani Dev Ki Mahima: पंचांग के अनुसार 27 मार्च को शनिवार है. इस दिन फाल्गुन मास की शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि है. होलाष्टक आरंभ हो चुके हैं. इसलिए इस बार का शनिवार होलाष्ट के बीच में पड़ने जा रहा है. होलाष्टक में पड़ने वाले शनिवार के दिन ग्रहों की विशेष स्थिति भी देखने को मिल रही है.
शनिदेव वर्तमान समय में मकर राशि में गोचर कर रहे हैं. यानि शनि अपने ही घर में विराजमान हैं. ज्योतिष शास्त्र में शनि ग्रह को मकर राशि का स्वामी माना गया है. शनि ग्रह को सभी नव ग्रहों में न्यायाधीश होने का स्थान प्राप्त है. शनि की चाल बहुत ही धीमी है. शनि एक राशि में लगभग ढाई साल तक रहते हैं. इस दौरान शनि अपने शुभ-अशुभ फल प्रदान करते हैं.ऐसा माना गया है कि शनिदेव व्यक्ति को उसके कार्यों के आधार पर ही फल प्रदान करते हैं. शनि को दंड देने वाला ग्रह भी माना गया है. इसलिए जो व्यक्ति गलत और अनैतिक ढंग से कार्यों को करते हैं, उन्हें शनिदेव अपनी दशा, शनि की साढ़ेसाती या फिर शनि की ढैय्या के दौरान दंड देने का कार्य करते हैं. इसलिए व्यक्ति को गलत कार्यों को करने से बचना चाहिए.
शनिवार को करें शनिदेव को प्रसन्न
शनिवार का दिन शनि देव को समर्पित है. शनिवार के दिन पूजा करने से शनिदेव प्रसन्न होते हैं. मिथुन, तुला राशि पर शनि की ढैय्या बनी हुई है. इसके साथ ही धनु, मकर और कुंभ राशि पर वर्तमान समय में शनि की साढ़ेसाती चल रही है. होलिका दहन से पूर्व शनिवार का दिन है. होलाष्टक में शनिवार के दिन शनिदेव की विशेष पूजा करने से लाभ मिलता है और शनि की अशुभता में कमी आती है.
शनि उपाय
शनिवार के दिन शनि मंदिर में शनि देव को सरसों का तेल अर्पित करें. इसके साथ ही शनि चालीसा और शनि आरती का पाठ करें. शनिवार को शनिदेव से जुड़ी चीजों का दान भी करना चाहिए. इस दिन कुष्ठ रोगियों की सेवा करने से विशेष फल प्राप्त होता है. शनिदेव प्रसन्न होते हैं.
शनि देव का मंत्र
ॐ नीलांजनं समाभासं रविपुत्रम् यमाग्रजम्।
छाया मार्तण्डसंभूतम् तं नमामि शनैश्चरम्।।
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