Goodbye 2022, Guru Vakri 2022: ज्योतिष शास्त्र में देव गुरु बृहस्पति को ज्ञान, शिक्षक, संतान, शिक्षा, धार्मिक कार्य, पवित्र स्थल, धन, दान, पुण्य और वृद्धि आदि का कारक ग्रह माना जाता है. ये अक्सर सभी लोगों को शुभ फल प्रदान करते हैं. इन्हें सबसे अधिक शुभ फल प्रदान करने वाला ग्रह कहा गया है. देव गुरु बृहस्पति धनु और मीन राशि के स्वामी होते है. इनकी उच्च राशि कर्क और इनकी नीच राशि मकर मानी जाती है.
गुरु वक्री 2022 कब हुए
ज्योतिष गणना के अनुसार, देवगुरु बृहस्पति 13 अप्रैल 2022 को स्वराशि मीन राशि में प्रवेश कर गए थे और 29 जुलाई 2022 दिन शुक्रवार को 02:06 AM बजे वक्री हो गए थे. उसके बाद गुरु 24 नवंबर 2022, बृहस्पतिवार को 04:31 AM पर स्वराशि मीन राशि में ही मार्गी हुए अर्थात 24 नवंबर को सुबह 4 बजकर 31 मिनट से मीन राशि में सीधी चाल से चलने लगे. गुरु 12 साल बाद स्वराशि मीन में वक्री हुए हैं. गुरु के वक्री होने से इन राशियों के रुके काम सुचारू रूप से होने शुरू हो गए. आइये जानें इन राशियों के बारे में:-
गुरु के वक्री होने से इनके रुके काम होंगे शुरू
वृषभ राशि : गुरु अपनी राशि से 11वें स्थान में वक्री हुए हैं. ज्योतिष में यह स्थान लाभ और आय का माना जाता है. इस दौरान इनके आय के नए –नए स्रोत बनें. व्यापार में बड़ा मुनाफा हुआ. काफी दिनों से रुके हुए काम शुरू होने लगे. दांपत्य जीवन खुशियों से भरा रहा.
मिथुन राशि : गुरु के वक्री अवधि में इस राशि वालों को काफी लाभ हुआ. नौकरी से जुड़े लोगों को अच्छी सफलता मिली. इस दौरान इनकी भाग्य चमकी. इनके रुके हुए काम पुरे हुए या शुरू हुए. व्यापारियों को अच्छा मुनाफा हुआ.
कर्क राशि : गुरु के वक्री अवधि के दौरान कर्क राशि वालों के अटके हुए काम पूरे हुए. इनकी यात्रा सफल रही. शिक्षा के क्षेत्र से जुड़े लोगों को काफी लाभ प्राप्त हुआ. इनका वैवाहिक जीवन सुखमय रहा और जीवनसाथी का पूरा सहयोग मिलता रहा.
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