Yogini Ekadashi Date: योगिनी एकादशी का व्रत आषाढ़ माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी ​तिथि को रखा जाता है. यह व्रत तीनों लोक में अपने पुण्य प्रभाव के लिए जाना जाता है. पुराणों योगिनी एकादशी का व्रत रखकर भगवान विष्णु की पूजा करने वाले व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति होती है.  योगिनी एकादशी का व्रत करने से समस्त पाप नष्ट हो जाते हैं. माना जाता है कि इस व्रत के प्रभाव से किसी के दिये हुए श्राप का भी निवारण हो जाता है. 


योगिनी एकादशी की तिथि और शुभ मुहूर्त


इस साल आषाढ़ माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी ​तिथि 13 जून, मंगलवार के दिन सुबह 09 बजकर 28 मिनट पर शुरू होगी. यह तिथि अगले दिन 14 जून को सुबह 08 बजकर 48 मिनट तक रहेगी. उदया तिथि के आधार पर योगिनी एकादशी का व्रत 14 जून को ही रखा जाएगा.



योगिनी एकादशी व्रत की पूजा विधि


योगिनी एकादशी का व्रत पुण्य फलदायी होता है.इस व्रत के नियम एक दिन पहले शुरू हो जाते है. दशमी तिथि की रात में ही व्यक्ति को जौं, गेहूं और मूंग की दाल से बना भोजन ग्रहण नहीं करना चाहिए. व्रत वाले दिन नमक युक्त भोजन नहीं करना चाहिए. एकादशी के दिन सुबह स्नान करने के बाद व्रत का संकल्प लिया जाता है. इसके बाद कलश स्थापना करे और इसके ऊपर भगवान विष्णु की प्रतिमा रख कर पूजा करें. व्रत की रात्रि में जागरण करना चाहिए.


योगिनी एकादशी का महत्व


योगिनी एकादशी का व्रत बेहद फलदायी माना जाता है. इस व्रत को करने से जीवन में समृद्धि और आनन्द की प्राप्ति होती है. यह व्रत तीनों लोकों में प्रसिद्ध है. मान्यता है कि योगिनी एकादशी का व्रत करने से 88 हज़ार ब्राह्मणों को भोजन कराने के बराबर पुण्य मिलता है. हैं. इस व्रत को करने से व्यक्ति पृथ्वी पर समस्त भोग प्राप्त करता है और परलोक में उसे मुक्ति मिलती है. 


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