युजवेंद्र चहल और धनश्री वर्मा की आ रही खबरों के बीच जान लीजिए तलाक के पीछे किसका हो सकता है खेल
युजवेंद्र चहल और धनश्री वर्मा की तलाक की खबरें लगातार सुर्खियों में छाई हुई हैं. इन खबरों में कितनी सच्चाई है ये तो समय ही बताएगा, लेकिन तलाक के पीछे किन ग्रहों से होते हैं. ये जानते हैं.
Chahal Dhanashree Divorce: भारतीय क्रिकेट टीम के स्टार स्पिनर युजवेंद्र चहल और धनश्री वर्मा इन दिनों सुर्खियों में छाए हुए हैं. लोगों का मानना है कि इन दोनों के रिश्तों में कुछ बात है. तलाक की खबरें भी सोशल मीडिया पर तैर रही हैं. वहीं दूसरी तरफ इस तरह की खबरें आने के बाद युजवेंद्र चहल और धनश्री वर्मा इंस्टाग्राम पर काफी एक्टिव नजर आने लगे हैं. हालांकि अभी आधिकारिक तौर पर चहल और धनश्री की तरफ से तलाक की खबरों पर कुछ नहीं बोला गया है. लेकिन ज्योतिष के माध्यम से जानते हैं कि आखिर वे कौन से ग्रह हैं जो तलाक जैसी स्थिति पैदा करते हैं.
मंगल ग्रह खराब तो बनती है तलाक की स्थिति
ज्योतिष में मंगल ग्रह को एक उग्र ग्रह के तौर पर देखा जाता है. मंगल से ही कुंडली में मांगलिक दोष का निर्माण होता है. ये दोष वैवाहिक जीवन के लिए अच्छा नहीं माना जाता है. यही कारण है कि शादी विवाह से पहले वर-वधु की कुंडली मिलान के दौरान सबसे पहले मांगलिक दोष का पता लगाया जाता है. शादी विवाह से पूर्व हिंदू धर्म और वैदिक ज्योतिष में विश्वास करने वाले मांगलिक दोष का प्रमुखता से विचार करते हैं. ज्योतिष मान्यता है कि मंगल ग्रह जब किसी व्यक्ति की कुंडली के 1,4,7 और 8वें या 12वें भाव में विराजमान हो तो मांगलिक दोष की स्थिति देखी जाती है,जो दांपत्य जीवन के लिए अशुभ मानी जाती है.
शनि तलाक के लिए लगवाता है कोर्ट-कचेहरी के चक्कर
शनि देव जो न्याय के कारक है. ज्योतिष में एक शनि को एक सख्त मिजाज और क्रूर स्वभाव वाला ग्रह माना गया है. कुंडली में जब ये लग्न में हो. लग्न का स्वामी और 12वें भाव का स्वामी आठवें में हो अथवा सप्तमेश व अष्टमेश एक दूसरे को देखते हों तो विवाह विच्छेद यानि तलाक का योग बनता है. कई बार इसका निपटारा कोर्ट-कचेहरी के माध्यम से भी होता है. इसके साथ ही पाप ग्रह राहु और केतु भी इसमे पीछे नहीं रहते हैं. ये भी कई बार शादी के बाद भी अफेयर जैसी स्थिति या दूसरे विवाह की परिस्थितियों के निर्माण में अहम भूमिका निभाते हैं.
मांगलिक दोष का उपाय
कुंडली में मांगलिक दोष के कारण यदि दिक्कत आ रही है तो पहले योग्य ज्योतिषाचार्य से कुंडली का परीक्षण कराना चाहिए. इसके बाद बताए गए उपायों को करना चाहिए. मंगल और शनि विवाह में विलंब भी कराते हैं. इसलिए इन स्थितियों में इन ग्रहों से बनने वाले दोष का निवारण समय रहते कराना ही उचित माना गया है.