आनन्द ने मार्केटिंग एवं मीडिया से स्नातकोत्तर की पढ़ाई के बाद कुछ वर्षों तक डाटा एनालिटिक्स में काम किया. पत्रकारिता और सोशल सोशल रिसर्च में रुचि की वजह से पूरी तरह लिक्खाड़ बन गए. वह यूनिसेफ से भी जुड़े रहे हैं और फिलहाल अपने शौक की वजह से कई संस्थानों के लिए स्वतंत्र लेखन और शोध करते हैं.