गिरीन्द्र नाथ झा ने पत्रकारिता की पढ़ाई वाईएमसी, दिल्ली से की. उसके पहले वे दिल्ली यूनिवर्सिटी से स्नाथक कर चुके थे. पत्रकारिता के बाद करीब एक दशक तक विभिन्न टेलीविजन चैनलों और अखबारों में काम किया. पूर्णकालिक लेखन और जड़ों की ओर लौटने की जिद उनको वापस उनके गांव चनका ले आयी. वहां रह कर खेतीबाड़ी के साथ लेखन भी करते हैं. राजकमल प्रकाशन से उनकी लघु प्रेम कथाओं की किताब भी आ चुकी है.