दुनिया में भले ही इलेक्ट्रिक वाहनों का क्रेज बढ़ रहा हो, लेकिन भारत में अभी भी एक बड़ा वर्ग है जो ई-व्हीकल्स पर भरोसा नहीं करता है. इसकी बड़ी वजह है इलेक्ट्रिक वाहनों से जुड़े कुछ मिथक. लोगों को लगता है कि इलेक्ट्रिक वाहन कम स्पीड देते हैं. इसके अलावा चार्जिंग पोर्ट और चार्जिंग में समय लगने से जुड़े मिथ भी लोगों को ऐसे वाहन खरीदने से रोकते हैं. कई लोगों को लगता है कि ई व्हीकल बहुत ज्यादा महंगे होते हैं. ऐसी कई बाते हैं जो लोगों को अभी भी इलेक्ट्रिक व्हीकल्स के बारे में पता नहीं हैं. आज हम आपको इलेक्ट्रिक वाहनों से जुड़े ऐसे कई मिथक और उनकी सच्चाई बता रहे हैं. आइये जानते हैं.


1- इलेक्ट्रिक वाहनों को लेकर भारत के लोगों में सबसे बड़ा भ्रम ये है कि ये कार कम स्पीड दे पाती हैं. लेकिन ये सिर्फ एक मिथक है क्योंकि अब ऐसी कई इलेक्ट्रिक कार हैं जो आपको 160 किलोमीटर प्रति घंटे से भी ज्यादा की स्पीड देती हैं. हुंडई कोना इलेक्ट्रिक के बारे में कंपनी की ओर से मैक्सिमम स्पीड 167 KMPH होने का दावा दिया जा रहा है. तो वहीं MG ZS EV भी 140 KMPH प्रति घंटे की रफ्तार देती है. इसके अलावा Tata Nexon की स्पीड भी शानदार है ये कार 120 KMPH की टॉप स्पीड देती है.


2- इलेक्ट्रिक कारों के बारे में दूसरा बड़ा मिथक ये है कि इन कारों को बार-बार चार्ज करने की जरूरत पड़ती है और लंबी दूरी के लिए ये कार सही नहीं होती. अगर आप भी यही सोचते हैं तो ये बिल्कुल गलत है. इलेक्ट्रिक व्हीकल एक बार चार्ज करके चलाने पर लंबी दूरी कवर कर सकते हैं. कई कंपनियों की इलेक्ट्रिक कार फुल चार्ज करने पर 400 किलोमीटर तक चल सकती हैं. यानि एक बार पेट्रोल का टेंक फुल करवाने के बराबर ही एक बार फुल चार्ज बैटरी चलती है. हुंडई ने दावा किया है कि इलेक्ट्रिक कार कोना एक बार चार्ज करने पर 452 किलोमीटर तक चल सकती है. वहीं MG की ZS EV एक बार चार्ज होने पर 340 किलोमीटर की दूरी कवर कर सकती है. Tata Nexon Ev भी एक बार चार्ज होने पर 312 किलोमीटर तक चल सकती है.


3- इलेक्ट्रिक कार को लेकर लोगों के बीच एक भ्रम ये भी होता है कि ये कार काफी महंगी होती है. लेकिन अगर आप कार की असली लागत को देखें तो लॉन्ग टर्म में इलेक्ट्रिक आपको पेट्रोल, डीजल कार से सस्ती पड़ती है. अब सरकार भी इलेक्ट्रिक वाहनों पर कई तरह की सब्सिडी दे रही है. इसके अलावा इन करों का रख-रखाव भी काफी सस्ता पड़ता है. कुल मिलाकर देखा जाए तो ये कार आपको दूसरे कारों के मुकाबले कम कीमत पर ही मिल रही हैं.


4- ई-व्हीकल से जुड़ा एक और सबसे बड़ा मिथक है कि इनकी चार्जिंग में बहुत टाइम लगता है, लेकिन आपको ये जानकर हैरानी होगी कि आपके घर में जो 240V का स्विच बोर्ड होता है उससे पूरी रात चार्ज करने पर ही आपकी इलेक्ट्रिक कार चार्ज हो जाती है. देश के सभी बड़े शहरों में अब सड़कों पर चार्जिंग स्टेशन भी लगे हैं. यहां आप आधे से एक घंटे में इलेक्ट्रिक कार को फुलचार्ज कर सकते हैं. इसके अलावा कई जगहों पर आपको Battery Swapping सेंटर भी मिल जाएंगे. जहां आप अपनी कार की खाली बैटरी देकर भरी बैटरी ले सकते हैं.


5- इलेक्ट्रिक वाहनों से जुड़ा एक और मिथक है कि इनकी बैटरी बहुत महंगी होती है और इन्हें बार-बार बदलना पड़ता है. जबकि ऐसा नहीं है कार कंपनियां आपको इलेक्ट्रिक कारों की बैटरी पर 7-8 साल की वारंटी देती हैं. ऐसे में बैटरी वाली कार से आप लंबे समय तक ईंधन की बचत कर सकते हैं. जबकि नॉर्मल कार में आपको 5 साल तक की ही वारंटी मिलती है. अगर आप इन सभी बातों को जानने के बाद इलेक्ट्रिक कार खरीदते हैं तो निश्चित रुप से आपके लिए ई-कार खरीदना सस्ता सौदा होगा.


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