Anti-Lock Braking System: गाड़ी में अचानक से ब्रेक लगाने पर कार के फिसलने की स्थिति पैदा हो जाती है, जिसके चलते कोई भी दुर्घटना घट सकती है. इस दुर्घटना से खुद को बचाने के लिए एंटी-लॉक ब्रेकिंग सिस्टम (ABS) का प्रयोग करना चाहिए. इससे अचानक ब्रेक लगने की स्थिति में गाड़ी को फिसलने से बचाया जा सकता है. अब सभी गाड़ियों में ABS फीचर को लगाना अनिवार्य कर दिया गया है.
कार में ABS क्यों है जरूरी?
कार में सेफ्टी के लिए एंटी-लॉक ब्रेकिंग सिस्टम का लगा होना जरूरी है. किसी व्यक्ति के अचानक सामने आ जाने पर तुरंत ही ब्रेक लगाने की स्थिति पैदा हो जाती है, जिसके चलते गाड़ी के पहियों में तुरंत ही लॉक लग जाता है. अचनाक लॉक लगने से गाड़ी फिसलने लगती है और ड्राइवर का कार से कंट्रोल भी खो जाता है और वो गाड़ी को संभाल नहीं पाता. वहीं ABS गाड़ी के पहियों को लॉक होने से रोकता है, जिससे गाड़ी पर कंट्रोल किया जा सकता है और होने वाली दुर्घटना से बचा जा सकता है.
कैसे करता है ABS काम?
एंटी-लॉक ब्रेकिंग सिस्टम में तीन जरूरी चीजें होती हैं- स्पीड सेंसर, हाइड्रोक्लोरिक कंट्रोल यूनिट और इलेक्ट्रॉनिक कंट्रोल यूनिट. इन तीनों की वजह से ही ABS काम करता है. स्पीड सेंसर का काम पहियों की स्पीड पर नजर रखना है. वहीं हाइड्रोक्लोरिक कंट्रोल यूनिट से ब्रेक फ्लूड के प्रेशर को कंट्रोल करना है और ABS की पूरी प्रक्रिया में दिशा-निर्देश देने और लेने का काम इलेक्ट्रॉनिक कंट्रोल यूनिट (ECU) का है.
कार में अचानक ही ब्रेक लगने पर स्पीड सेंसर पहियों की गति को देखता है और अगर कार की स्पीड तेजी से कम होती है, तो इसकी जानकारी इलेक्ट्रॉनिक कंट्रोल यूनिट के पास जाती है, जिसके बाद ECU तुरंत ही हाइड्रोक्लोरिक कंट्रोल यूनिट को ब्रेक फ्लूड के प्रेशर को कम करने का निर्देश देता है. इस निर्देश के साथ ही पहियों पर लगने वाला घर्षण कम हो जाता है. घर्षण के कम होने से गाड़ी के पहिये लॉक नहीं होते और घूमते रहते हैं, जिससे गाड़ी का सड़क के साथ कनेक्शन बना रहता है.
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