Cars on Indian Roads: यूज्ड कारों की बिक्री करने वाली ऑनलाइन वेबसाइट कार्स24 के अनुसार, भारत की सडकों पर करीब 30 मिलियन पैसेंजर गाड़ियां दौड़ रही हैं. जबकि इसमें उबर, ओला या टैक्सियां शामिल नहीं हैं. ये केवल सफेद नंबर प्लेट वाली गाड़ियां हैं. 


फाइनेंशियल एक्सप्रेस की एक खबर के मुताबिक, कार्स24 ने ये डाटा SIAM (Society of Indian Automobile manufacturers) से इकठ्ठा किया है. जो हर महीने बिकने वाली नई गाड़ियों का डाटा शेयर करती है. कार्स24 के को-फाउंडर और सीएफओ रुचित अग्रवाल के मुताबिक, इस डाटा को इकठ्ठा करने के लिए हम 15 साल पीछे चले गए (भारत में गाड़ियों के रजिस्ट्रेशन की एवरेज लाइफ) और आंकड़ों को एक साथ जोड़ा. तब हम इस संख्या पर पहुंचे, जो 30 मिलियन यूनिट से कुछ ज्यादा है. हालांकि इस आंकड़े में 1-2 मिलियन का हेर-फेर देखने को मिल सकता है. 


वहीं इंडियन ब्लू बुक वेबसाइट के आंकड़ों के अनुसार, इन 30 मिलियन में से, लगभग 4.5 मिलियन यूज्ड कार्स FY 2023 में कार बाजार में बेची गईं. जबकि ऑर्गेनाइज्ड मार्केट में एक मिलियन से भी कम कारों की बिक्री हुई. 


अग्रवाल ने कहा, कि इससे दो बातों का पता चलता है. एक, भारत में एक कार के यूज किये जाने का औसत समय 6-7 साल है. दूसरा, हमारे जैसे ऑर्गेनाइज खिलाड़ियों के पास इस सेक्टर में काफी अच्छी संभावनाएं हैं. 


भारत में यूज्ड कारों के लिए मारुति सुजुकी ट्रू वैल्यू, महिंद्रा फर्स्ट चॉइस, हुंडई प्रॉमिस और होंडा ऑटो टेरेस जैसे OEM के साथ साथ कार्स24, ओएलएक्स इंडिया और स्पिनी जैसे ऑटो-टेक खिलाड़ी भी मौजूद हैं.


अग्रवाल के मुताबिक, यूज्ड कार मार्केट दिलचस्प डेटा प्वाइंट पेश कर रहा है. इसके मुताबिक 6-7 साल पहले नई कारों की बिक्री के मामले में कार मैन्युफैक्चरर के पास बाजार जो हिस्सेदारी थी, वो आज पुरानी कारों में उनकी वर्तमान हिस्सेदारी है. और जो कार बॉडी साइज 6-7 साल पहले नई कारों में पॉपुलर था, मौजूदा समय में यूज्ड कारों में पॉपुलर है. 


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