Audi-Nunam Patnership : Audi और Nunam पुरानी EV बैटरी से भारत में बनाएंगे इलेक्ट्रिक रिक्शा
Audi और Nunam रिक्शा को इलेक्ट्रिक पावर से चलने वाले वाहनों में बदलने के लिए EV बैटरी का इस्तेमाल करेंगे. Nunam के को-फाउंडर प्रदीप चटर्जी ने कहा कि ईवी बैटरी रिक्शा के लिए खासतौर पर जरूरी है.
Audi-Nunam Patnership : अब पेट्रोल और डीजल जैसे प्राकृतिक ईंधनों पर निर्भरता कम की जा रही है क्योंकि एक तो ये ईंधन वातावरण के लिए भी हानिकारक हैं और दूसरा क्या पता कब ये ईंधन खत्म हो जाएं? इस क्रम में वाहनों के निर्माण और इस्तेमाल पर इलेक्ट्रिक होने का अधिक जोर दिया जा रहा है. ऐसे में, इलेक्ट्रिकऑटोमेकर ऑडी (Audi ) ने पुरानी बैटरी का इस्तेमाल करके भारतीय रिक्शा को इलेक्ट्रिक वाहनों में बदलने के लिए Nunam के साथ पार्टनरशिप की है. इस पार्टनरशिप में जर्मन-इंडियन स्टार्टअप Nunam इलेक्ट्रिक रिक्शा और चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार करने के लिए टेक्नोलॉजी प्रदान करेगा. Audi-Nunam ई-रिक्शा कॉन्सेप्ट को बर्लिन, जर्मनी में 2022 ग्रीनटेक फेस्टिवल में शोकेस किया जाएगा.
Nunam ने कहा, "इस प्रोग्राम का मकसद रिक्शा एंड ऑफ लाइफ ईवी बैटरी को ऑप्टिमाइज करना है."
Audi-Nunam पार्टनरशिप में Nunam, रिक्शा को इलेक्ट्रिक पावर से चलने वाले वाहनों में बदलने के लिए Audi द्वारा इस्तेमाल की गई EV बैटरी का इस्तेमाल करेगी. जानकारी है कि Nunam पूरे भारत में नए ई-रिक्शा के लिए ग्रीनर चार्जिंग स्टेशन भी बनवाएगी.
Nunam के को-फाउंडर प्रदीप चटर्जी ने कहा, "ईवी बैटरी रिक्शा के लिए बेहद जरूरी है. रिक्शा मुख्य रूप से शहर के अंदर और ग्रामीण परिवहन के लिए इस्तेमाल होता है. L यह बहुत भारी काम के लिए तो इस्तेमाल नहीं होता और इसके लिए कम से कम पावर की जरूरत होती है. पावर, रेंज और वजन की जरूरतें Nunam के लिए सबसे पहले हैं. Nunam की पहल बड़े स्तर पर पर्यावरण के अनुकूल है. हमारा यह नॉन-प्रोफिट स्टार्टअप अपने चार्जिंग स्टेशन्स में पावर जनरेट करने के लिए सौर पैनल का इस्तेमाल करेगा और एनर्जी को ऑडी की बैटरी में स्टोर किया जाएगा."
Audi के रुडिगर रेकनागेल ने कहा, "Nunam ग्लोबल लेवल पर ईवी बैटरी के लिए क्लीनर विजन को आगे बढ़ाने के लिए अपनी जानकारी साझा कर रही है."
कहा जा रहा है कि कंपनी भारत में नए ई-रिक्शा डिस्ट्रीब्यूशन में महिलाओं को भी साथ जोड़ेगी. यह नई ग्रीन पहल भारत में जरूरी प्रभाव डाल सकती है. यह प्रभाव सकारात्मक होगा. देश में कार्बन एमिशन में ऑटोरिक्शा का बड़ा योगदान है. इसलिए ई-रिक्शा के जरिए इनके लिए एमिशन फ्री ऑप्शन प्रदान करना काफी कारगर होगा. ई-रिक्शा कॉन्सेप्ट कब प्रोडक्शन में आएगी इस पर अभी तक कोई खुलासा नहीं हुआ है.