आज संसद में पेश होगा बजट 2025, इलेक्ट्रिक व्हीकल्स से लेकर हाईब्रिड कारों को मिल सकता है बढ़ावा
Auto Industry Budget 2025: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण लगातार 8वीं बार संसद में बजट पेश करने वाली हैं. इस बजट से ऑटो इंडस्ट्री को काफी उम्मीदें हैं. ईवी और हाईब्रिड वाहनों के लिए नई पॉलिसी आ सकती है.

Auto Budget 2025: देश की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आज शनिवार, 1 फरवरी 2025 को संसद में बजट पेश करने वाली हैं. इस बजट में ऑटो सेक्टर के लिए क्या मिलेगा, वाहनों पर लगने वाले टैक्स में क्या बदलाव होगा, किन नई पॉलिसी को लाया जा सकता है, सस्टेनेबल मोबिलिटी के लिए सरकार क्या करने वाली है. आइए जानते हैं कि बजट 2025 में ऑटो इंडस्ट्री के हिस्से में क्या कुछ आ सकता है.
EV इंडस्ट्री में भारत बनेगा आत्मनिर्भर
इलेक्ट्रिक वाहनों की मैन्युफैक्चरिंग मे लिथियम आयन बैटरी का इस्तेमाल किया जाता है, जिसके लिए ऑटोमेकर्स काफी हद तक विदेशी बाजार पर निर्भर है. इलेक्ट्रिक व्हीकल्स में लगने वाली इस लिथियम आयन बैटरी को इंपोर्ट किया जाता है जो कि घरेलू बाजार में सस्टेनेबिलिटी नहीं लाता. भारत ने FY2023 में 18,000 करोड़ रुपये और FY2024 में 24,000 करोड़ रुपये इन बैटरी इंपोर्ट करने में लगाए हैं. भारत के लिए इन बैटरी का सबसे बड़ा सोर्स चीन है.
भारत सरकार घरेलू मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने के लिए और आत्मनिर्भर भारत के रास्ते पर चलते हुए इंपोर्ट करने की चीजों पर नई पॉलिसी ला सकती है. इससे लोकल प्रोडक्शन को बढ़ावा मिलेगा और इंफ्रास्ट्रक्चर भी बढे़गा.
EV चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर
भारत सरकार बाजार में इलेक्ट्रिक व्हीक्लस की डिमांड बढ़ाने को लेकर लगातार प्रयास कर रही है. इस बजट में भी सरकार चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने के लिए अहम कदम उठा सकती है. इसके लिए स्टैंडर्ड चार्जर कनेक्टर्स लगाने की जरूरत है. साथ ही नए पब्लिक चार्जिंग स्टेशन भी सरकार को लगाने होंगे.
EV और हाईब्रिड वाहनों के कस्टमर्स को होगा फायदा?
भारत सरकार लोगों को इलेक्ट्रिक के साथ ही हाईब्रिड वाहन खरीदने के लिए भी प्रेरित कर रही है. वहीं इस बजट से उम्मीद है कि सरकार ईवी और हाईब्रिड वाहनों के खरीदारों के लिए इनकम टैक्स में कुछ छूट दे सकती है. इसके साथ ही गाड़ियों में इस्तेमाल होने वाली बैटरी की रीसायकल पर भी फोकस किया जा सकता है, ये इलेक्ट्रिक वाहनों की सस्टेनेबिलिटी के लिए जरूरी है.
GST भी एक बड़ा मुद्दा
ऑटो इंडस्ट्री के लिए जीएसटी भी एक बड़ा मुद्दा है. इंडस्ट्री की तरफ से इलेक्ट्रिक वाहनों पर इनवर्टेड ड्यूटी स्ट्रक्चर में कुछ सॉल्यूशन की मांग की गई है. GST काउंसिल से रिफंड प्रोसेस को आसान बनाने की सिफारिश भी की गई है. देश में ग्रीन मोबिलिटी को बेहतर करने के लिए हाईब्रिड वाहनों पर भी GST रेट को युक्ति संगत बनाने की जरूरत है.
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