कोरोना वायरस: लॉकडाउन के चलते ऑटो कंपनियां अप्रैल में पहली बार नहीं बेच पाईं एक भी गाड़ी
लॉकडाउन के चलते ऑटो कंपनियां पहली बार एक भी कार नहीं बेच पाईं.25 मार्च से देश में लॉकडाउन जारी है.
नई दिल्ली: मारुति सुजुकी और हुंडई सहित भारत की शीर्ष कार निर्माता कंपनियों की लॉकडाउन के कारण अप्रैल में कोई गाड़ी नहीं बिकी. इस बात की जानकारी कंपनियों ने शुक्रवार को दी. ऐसा पहली बार हुआ है जब किसी एक महीने के दौरान कंपनियां एक भी वाहन नहीं बेच पाईं.
कोरोना वायरस महामारी पर रोकथाम के लिये देशभर में 25 मार्च से लॉकडाउन लागू है. इसके कारण वाहन कंपनियों का उत्पादन और बिक्री नेटवर्क पूरी तरह से बंद रहा है. इस दौरान कंपनियां केवल कुछ वाहनों का निर्यात ही कर पाईं हैं.
मारुति सुजुकी इंडिया, हुंडई मोटर इंडिया लिमिटेड, महिंद्रा एंड महिंद्रा, टोयोटा किर्लोस्कर मोटर और एमजी मोटर इंडिया ने अप्रैल महीने में बिक्री शून्य रहने की सूचना दी. इन कंपनियों ने 25 मार्च को लॉकडाउन लागू होने से पहले ही परिचालन निलंबित कर दिया था.
मूंदड़ा बंदरगाह से 632 कारों का निर्यात
कार बनाने वाली देश की सबसे बड़ी कंपनी मारुति सुजुकी इंडिया ने बताया कि घरेलू बाजार में पिछले महीने उसने एक भी वाहन की बिक्री नहीं की. हालांकि, बंदरगाहों के खुलने के बाद कंपनी ने मूंदड़ा बंदरगाह से 632 कारों का निर्यात किया है. निर्यात के लिये सभी सुरक्षा दिशानिर्देशों का पालन किया गया.
इसी तरह हुंडई मोटर्स भी कामकाज बंद रहने और घरेलू बाजार बंद रहने के कारण अप्रैल में एक भी कर की बिक्री नहीं कर पायी. इस अवधि में कंपनी ने 1,341 वाहनों का निर्यात किया. कंपनी ने एक बयान में कहा कि कोरोना वायरस के सामुदायिक प्रसार को रोकने के लिए लागू बंद की वजह से अप्रैल में उसकी घरेलू बिक्री शून्य रही.
महिंद्रा एंड महिंद्रा ने भी एक बयान में कहा कि बंद के चलते अप्रैल महीने में घरेलू बाजार में उसका कोई वाहन नहीं बिका. कंपनी के वाहन विभाग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी विजय नाकरा ने एक बयान में कहा, ‘‘हम अपने सभी हितधारकों के साथ मिलकर काम कर रहे हैं. विशेषकर अपने डीलरों और आपूर्तिकर्ता सहयोगियों के साथ, ताकि लॉकडाउन समाप्त होने के बाद कामकाज को आसानी से दोबारा शुरू किया जा सके.’’
ट्रैक्टर इकाई ने 56 ट्रैक्टरों का किया निर्यात
बंद की वजह से भले कंपनी की घरेलू वाहन बिक्री शून्य रही हो. लेकिन समीक्षावधि में कंपनी ने 733 वाहनों का निर्यात किया है. इस दौरान कंपनी की ट्रैक्टर इकाई ने 56 ट्रैक्टरों का भी निर्यात किया. वहीं कंपनी के ट्रैक्टरों की घरेलू बिक्री इस दौरान 83 प्रतिशत घटकर 4,716 ट्रैक्टर रही.
टोयोटा किर्लोस्कर मोटर (टीकेएम) ने कहा कि वह लॉकडाउन के कारण अप्रैल में मांग एकदम खत्म हो जाने के बाद इसे फिर से बढ़ावा देने के लिये अपने डीलरों के साथ मिलकर काम कर रही है.
टीकेएम के वरिष्ठ उपाध्यक्ष (बिक्री और विपणन) नवीन सोनी ने एक बयान में कहा, ‘‘डीलरशिप और विनिर्माण बंद होने के साथ कई अन्य क्षेत्रों की तरह ऑटोमोटिव उत्पाद श्रृंखला का संचालन भी बंद हो गया है.’’
उन्होंने कहा कि समय बेहद महत्वपूर्ण है और कंपनी को पहले ही पता था कि अप्रैल 2020 में कोई भी थोक बिक्री नहीं होगी. सोनी ने कहा कि कंपनी फिर से शुरुआत करने के लिए तैयार है और इसके लिए डीलरों के साथ मिलकर काम कर रही है.
एमजी मोटर इंडिया की घरेलू बिक्री भी इस दौरान शून्य रही। हालांकि कंपनी ने अप्रैल के आखिरी सप्ताह में गुजरात के हलोल स्थित अपने संयंत्र में छोटे स्तर पर फिर से उत्पादन शुरू किया है.
कंपनी ने कहा कि वह सरकार और स्थानीय विभागों के दिशानिर्देशों के अनुसार सभी सुरक्षात्मक कदम उठाकर संयंत्र चला रही है. कंपनी को उम्मीद है कि मई में कारखाना रफ्तार पकड़ लेगा. कंपनी स्थानीय आपूर्ति श्रृंखला की मदद के लिये भी काम कर रही है. दोपहिया वाहनों की श्रेणी में लग्जरी वाहन निर्माता कंपनी रॉयल एनफील्ड भी अप्रैल महीने में घरेलू बाजार में एक भी बाइक नहीं बेच पायी.
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