Auto Expo 2023: टोयोटा की Corolla Cross H2 कॉन्सेप्ट कार हुई भारत में शोकेस, जानिए क्या है इसकी खासियत
इस कार में एक 1.6 लीटर, 3-सिलेंडर इन-लाइन टर्बोचार्ज्ड पेट्रोल इंजन है, जो 304bhp की मैक्सिमम पॉवर और 370 Nm का टार्क जेनरेट कर सकता है. इसका 6-स्पीड iMT गियरबॉक्स फ्रंट व्हील्स को पावर देता है.
Auto Expo 2023 India: ऑटो एक्सपो 2023 में, टोयोटा ने कई विभिन्न तकनीकों पर आधारित अपनी कारों को प्रदर्शित किया है, जिसमें बैटरी इलेक्ट्रिक, फ्यूल सेल इलेक्ट्रिक, प्लग-इन हाइब्रिड इलेक्ट्रिक, हाइब्रिड इलेक्ट्रिक कारें शामिल हैं. कंपनी ने इस इवेंट में टोयोटा कोरोला क्रॉस हाइड्रोजन कॉन्सेप्ट व्हीकल को भी शोकेस किया है.
कैसा है लुक?
Corolla Cross H2 कॉन्सेप्ट कार बिल्कुल समान्य कारों की तरह दिखती है. कंपनी ने जिस मॉडल को दिखाया है वह डुअल-टोन ब्लू और व्हाइट पेंट स्कीम में तैयार किया गया है, जो कि बहुत आकर्षक लगता है. टोयोटा कोरोला क्रॉस एच2 का हुड जीआर कोरोला हैचबैक से मिलता जुलता है. Toyota Corolla Cross H2 का डिजाइन और स्टाइल एक क्रॉसओवर जैसा लगता है. इसमें ब्लैक हाउसिंग, स्लीक हेडलैम्प्स और फ्रंट एंड पर रग्ड स्किड प्लेट के साथ एक वाइड ब्लैक रेडिएटर ग्रिल दिया गया है. हैवी साइड बॉडी क्लैडिंग, स्क्वायर-ऑफ व्हील आर्च और शार्क फिन एंटीना इसकी स्पोर्टी अपील में और अधिक इजाफा करते हैं. जबकि इसके रियर में रैपराउंड टेललैंप्स दिए गए हैं.
डाइमेंशन
Corolla Cross H2 की कुल लंबाई 4490mm, चौड़ाई 1825mm और ऊंचाई 1620mm है. साथ ही इसमें 2640 mm का व्हीलबेस है, जिस कारण पर्याप्त केबिन स्पेस और बूट स्पेस भी मिलता है.
इंजन
इस कार में एक 1.6 लीटर, 3-सिलेंडर इन-लाइन टर्बोचार्ज्ड पेट्रोल इंजन है, जो 304bhp की मैक्सिमम पॉवर और 370 Nm का टार्क जेनरेट कर सकता है. इसका 6-स्पीड iMT गियरबॉक्स फ्रंट व्हील्स को पावर देता है. इसमें सीट और बूट फ्लोर के नीचे दो हाइड्रोजन टैंक दिए गए हैं. जिसमें कंप्रेस्ड हाइड्रोजन गैस लिक्विड स्टेट में 70 Mpa प्रेशर पर टैंक में भरा जाता है.
कंपनी ने क्या कहा?
कंपनी के अनुसार, हाइड्रोजन, जलने के प्रमुख गुणों में मौजूदा ICE तकनीकों के लाभ उठाने की क्षमता, जल्दी रिफिलिंग के साथ लिथियम और निकल जैसे लिमिटेड सप्लाई एलिमेंट्स की जरूरतों में भी कमी लाएगा. हम मौजूदा तकनीकों को अपनाकर और मौजूदा इन्वेस्टमेंट्स का और अधिक लाभ उठाकर, हाइड्रोजन तकनीक के इस्तेमाल से तेजी से कार्बन-घटाने की ओर बढ़ सकते हैं.