Budget 2022 For Auto Industry: एक फरवरी को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने देश का आम बजट 2022 पेश किया. इस आम बजट में कई घोषणाएं की गईं, लेकिन ऑटो इंडट्री की कई मांगें अधूरी रह गईं. इस बजट में ऑटो इंडस्ट्री के लिए बैटरी स्वैपिंग पॉलिसी लाने, बैटरी बनाने के लिए प्राइवेट सेक्टर को बढ़ावा देने और सेमीकंडक्टर चिफ इंडस्ट्री के विकास को ही शामिल किया गया है.
जीएसटी में नहीं मिलेगी कोई छूट
कई ऑटो डीलर्स संगठनों द्वारा जीएसटी की दर 28 फीसद से कम करके 18 फीसदी करने की मांग की थी. FADA ने कहा था कि इलेक्ट्रिक टू व्हीलर्स वाहन लक्जरी उत्पाद नहीं है. इसलिए GST दरों में कमी की जरूरत है.
लोन की ब्याज दरों में छूट
ऑटो इंडस्ट्री ने ईवी बाजार को बढ़ावा देने के लिए इलेक्ट्रिक व्हीकल की खरीद पर लोन ब्याज पर लगने वाले टैक्स पर छूट की मांग की थी. अगर ऐसा होता तो कम ब्याज दरों पर इलेक्ट्रिक वाहन खरीदने में हेल्प होती, लेकिन इस बजट में ऐसी कोई घोषणा नहीं की गई.
ऑटो पार्ट पर टैक्स छूट की मांग
कुछ दिनों पहले सरकार से भारतीय ऑटो कंपोनेंट इंडस्ट्री के ऑटोमोटिव कंपोनेंट मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन (ACMA) द्वारा सभी ऑटो पार्ट्स पर 18 फीसदी की एक समान जीएसटी दर लगाए जाने की मांग की गई थी. यह भी पूरी नहीं हुई है.
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RoDTEP दरों को लेकर मांग भी रही अधूरी
रिसर्च एंड डेवलपमेंट में निवेश बढ़ाने के लिए एक्सपोर्ट प्रोडक्ट पर शुल्क और टैक्स की छूट यानी आरओडटीईपी (RoDTEP) दरों को बढ़ाने की मांग की गई थी, लेकिन इसको लेकर कोई बहुत बड़ी घोषणा नहीं हुई है.
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ग्राहकों पर पड़ेगा असर
इन सबका ग्राहकों पर असर पड़ सकता है. यह मांगे ऑटो इंडस्ट्री को और जान दे सकती थीं और साथ ही ग्राहकों की वाहनों तक पहुंच को आसान बना सकती थीं. लेकिन, इस बाजट में ऑटो से जुड़ी सबसे बड़ी घोषणा सिर्फ इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए बैटरी स्वैपिंग पॉलिसी ही रही है.
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