नई दिल्ली: बाइक हो या स्कूटर, अगर रेगुलर सर्विस की जाए तो इनकी लाइफ बढ़ जाती है, साथ ही परफॉरमेंस भी काफी अच्छी रहती है. गाड़ी में उसका इंजन सबसे अहम पार्ट होता है, और उसमें डलने वाला इंजन ऑयल अगर सही मात्रा में रहे तो इंजन को दिक्कत नहीं होती. हालांकि अगर यह काला पड़ने लगे और कम होने लगे तो फिर इसे नज़र अंदाज करना महंगा भी पड़ सकता है. इससे इंजन के सीज होने के चांस भी बढ़ जाते हैं. ऐसे में यहां हम आपको बता रहे हैं कि आप खुद भी अपनी बाइक और स्कूटर का इंजन ऑयल को चेंज कर सकते हैं.


क्यों काला पड़ता है इंजन ऑयल ?


वैसे तो जब भी गाड़ी की सर्विस होती है तब नया इंजन ऑयल डाल दिया जाता है. लेकिन कई बार अगली सर्विस से पहले ही इंजन ऑयल या तो कम होने लगता है या फिर काला पड़ने लगता है. दरसरल ऐसा जब हम ज्यादा क्लच का इस्तेमाल करते हैं तो होता है. इसके अलावा गंदगी और कार्बन को साफ करने के कारण ऑयल काला पड़ जाता है. इसलिए  इंजन की उम्र बढ़ाने के लिए समय पर इंजन ऑयल चेंज करवा देना जरूरी होता है.


कब बदलना चाइये इंजन ऑयल ?


वैसे तो इंजन ऑयल को हर 5000 से 6000 किलोमीटर के बाद बदल देना चाहिए, जबकि  हर 3000 किलोमीटर पर इसका टॉपअप भी किया जाना चाहिए. लेकिन आगर आप रोजाना हैवी ट्रैफिक में गाड़ी चलाते हैं तो आपको हर 1500 किलोमीटर में एक बार इंजन ऑयल को चेक कर लेना चाहिए.


इंजन ऑयल बदलें आसानी से


सबसे पहले आप अपनी बाइक/स्कूटर स्कूटर की मैनुअल बुक में इंजनऑयल बदलने के निर्देश को पढ़ सकते हैं. ऑयल चेंज करने से पहले बाइक/स्कूटर को करीब पांच मिनट के लिए स्टार्ट करें और फिर बंद कर दें. इससे ऑयल गर्म होकर लाइट हो जाएगा. इसके अलावा इंजन के नीचे लगे कैप को हटाकर ऑयल को किसी बर्तन में इकट्ठा करें. इसके वाहन को अच्छी तरह से हिला डुला कर पूरे ऑयल को इंजन से बाहर निकालें. इंजन को फ्लश करके भी सफाई कर सकते हैं, इसके लिए आप थोड़ा सा पेट्रोल लेकर इंजन में डालें और इंजन स्टार्ट कर दें उसके बाद सारा कचरा निकल जाएगा, फिर आप नया ऑयल चेंज कर सकते हैं. इससे ऑयल और इंजन दोनों की उम्र बढ़ जाती है. ध्यान दीजिये इंजन ऑयल  बदलते समय ऑयल  फ़िल्टर को भी बदल देना चाहिये इससे परफॉरमेंस में काफी सुधार आता है.


क्या टॉप-अप कराना सही है ?


ज्यादा गाड़ी चलने से समय के साथ ऑयल जलता रहता है जिसकी वजह से उसकी मात्रा भी कम होने लगती है. लेकिन कई बार कम होने पर भी ऑयल में चिकनापन बरकरार रहता है, ऐसे में ऑयल टॉप-अप कराने से मौजूदा ऑयल पर अधिक दबाव पड़ता है, आजकल जितने भी नए इंजन आ रहे हैं उनमे ऑयल टॉप-अप न कराने को कहा जाता है.


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