Automobile Industry: भारत बना दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा ऑटो बाजार, जापान को छोड़ा पीछे
निक्केई एशिया के अनुसार, जापान में घटती ऑटो बिक्री का मुख्य कारण वहां की घटती जनसंख्या है. जो कि 1990 के मुकाबले करीब आधी ही रह गई है. जबकि 2006 में चीन जापान को पीछे छोड़कर दूसरा स्थान हासिल किया था.
Auto Market: निक्केई एशिया (Nikkei Asia) की रिपोर्ट के अनुसार, भारत अब दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा ऑटो बाजार बन गया है. प्रारंभिक रिपोर्ट के अनुसार भारत ने जापान में बेचे गए 4.2 मिलियन वाहनों की बिक्री को पीछे छोड़ दिया है. सोसाइटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स की रिपोर्ट के अनुसार, पिछले साल जनवरी से नवंबर के बीच देश में कुल 4.13 मिलियन नए वाहनों की बिक्री हुई थी, जबकि मारुति सुजुकी की जारी गई नई रिपोर्ट को जोड़कर यह आंकड़ा 4.25 मिलियन यूनिट के पार चला जाता है.
और बढ़ेगा बिक्री का आंकड़ा
निक्केई एशिया की रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि कमर्शियल वाहनों के लिए पिछले साल के चौथी तिमाही के बिक्री के आंकड़े आना अभी बाकी है, जिसे मिलाकर यह संख्या और अधिक बढ़ जाएगी. जबकि टाटा मोटर्स सहित कई अन्य वाहन निर्माताओं के बिक्री के आंकड़े को शामिल करना अभी बाकी है.
चीन पहले स्थान पर काबिज
साल 2021 में, चीन ने 26.27 मिलियन वाहनों की बिक्री की, जिस कारण उसे वैश्विक स्तर पर ऑटो सेल्स में पहला स्थान हासिल हुआ. जबकि 15.4 मिलियन वाहनों के साथ अमेरिका दूसरे स्थान पर रहा था. इसके बाद जापान ने 4.44 मिलियन यूनिट्स के साथ 2021 में चौथा स्थान हासिल किया था.
देखे गए कई उतार चढ़ाव
निक्केई एशिया के रिपोर्ट के अनुसार पिछले कुछ वर्षों में भारत के ऑटो बाजार में काफी उतार-चढ़ाव आया है. जहां 2018 में 4.4 मिलियन वाहन बेचे गए थे, वहीं 2019 में यह आंकड़ा घटकर 4 मिलियन यूनिट से नीचे आ गया. उसके बाद कोविड महामारी के कारण 2020 में लॉकडाउन के कारण वाहनों की बिक्री 3 मिलियन यूनिट से भी नीचे आ गई थी. 2021 में बिक्री का आंकड़ा 4 मिलियन यूनिट को फिर से पार कर गया. लेकिन सेमीकंडक्टर की कमी के कारण फिर से यह प्रभावित हुआ.
2022 में ऑटोमोटिव चिप की आपूर्ति बढ़ने कारण मारुति सुजुकी, टाटा मोटर्स के अन्य वाहन निर्माताओं की बिक्री में तेजी आई.
भारत में और बढ़ेगी बिक्री
ब्रिटिश शोध फर्म यूरोमॉनिटर के अनुसार, 2021 में केवल 8.5 प्रतिशत भारतीय परिवारों के पास ही एक पैसेंजर व्हीकल था, जिससे यहां पता चलता है कि यहां लंबे समय तक वाहनों की आवश्यकता और खपत जारी रहेगी. साथ ही सरकार ने ईवी के प्रोत्साहन के लिए सब्सिडी भी दे रही है. जापान ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशन और जापान लाइट मोटर व्हीकल एंड मोटरसाइकिल एसोसिएशन के आंकड़ों के मुताबिक, जापान में साल 2022 में 4,201,321 वाहनो की बिक्री हुई, जो 2021 के मुकाबले 5.6% कम है.
चीन का पहला स्थान है बरकरार
निक्केई एशिया के अनुसार, जापान में घटती ऑटो बिक्री का मुख्य कारण वहां की घटती जनसंख्या है. जो कि 1990 के मुकाबले करीब आधी ही रह गई है. जबकि 2006 में चीन जापान को पीछे छोड़कर दूसरा स्थान हासिल किया था और उसके बाद उसके 2009 में अमेरिका को छोड़कर पहला स्थान प्राप्त किया और तब से उसका यह स्थान बरकरार है.