Automobiles Industry: साल 2022 खत्म होने में अब मात्र कुछ ही दिन शेष रह गए हैं. यह साल ऑटोमोबाइल उद्योग बहुत उथल पुथल भरा रहा और इसमें बहुत सारे बदलाव भी देखने को मिले. इस साल इस उद्योग में कई महत्वपूर्ण  घटनाएं भी हुई, जिनमें से 5 प्रमुख घटनाओं के बारे में आज हम चर्चा करेंगे.


कार सीटबेल्ट


इस साल की सबसे घटना सीटबेल्ट से जुड़े नियमों में बदलाव से जुड़ी है. यह नियम एक सड़क दुर्घटना में टाटा ग्रुप के चेयरमैन रह चुके लोकप्रिय उद्योगपति साइरस मिस्त्री के मौत से सबक लेते हुए बनाए गए. केंद्रीय परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने सभी यात्रियों के लिए यात्रा के दौरान सीटबेल्ट पहनने को अनिवार्य कर दिया गया है. इस नियम के तहत अब गाड़ी में सफर कर रहे हर व्यक्ति को, चाहे वह पिछ्ली या अगली किसी भी सीट पर बैठा हो, उसे अनिवार्य रूप से सीटबेल्ट पहनना होगा. साथ ही इसके लिए सरकार की ओर से कार कंपनियों को भी अगली सीट की तरह पिछली सीट के सीटबेल्ट के लिए भी अलार्म देना अनिवार्य कर दिया है. 


EVs में आग 


इस साल के शुरूआती कुछ महीनों में इलेक्ट्रिक वाहनों में कई बार अचानक से आग लगने की कई घटनाएं सामने आईं थीं. जिसकी जांच की ज़िम्मेदारी DRDO को सौंपी गई गई थी. जिसके बारे में डीआरडीओ ने अपनी रिपोर्ट में कहा था कि EV बनाने वाली कंपनियां अपनी कॉस्ट बचाने के लिए खराब क्वालिटी के बैट्री पैक का इस्तेमाल कर रही हैं. जिससे निपटने के लिए सरकार नए गुणवत्ता दिशानिर्देश के पहले चरण को 1 दिसंबर से लागू कर चुकी है और साथ ही अब वाहन निर्माता कंपनियों को इलेक्ट्रिक वाहनों में अच्छे और बढ़िया क्वालिटी के बैट्री पैक इस्तेमाल करने के निर्देश दिए हैं. 


नए टायर के नियम 


यात्रियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए भारत सरकार ने 1 अप्रैल 2023 से नए वाहनों के नए प्रकार के टायरों के इस्तेमाल का नियम बनाया है, जिसके लिए निर्माता कंपनियों को निर्देश दिए जा चुके हैं. इस नए AIS-142:2019 स्टेज 2 नियम के तहत टायरों के सड़कों पर ढीली पकड़, सड़कों पर घर्षण, और ड्राइविंग के वक्त टायरों के रोलिंग साउंड से जुड़े नियम मौजूद हैं.


6 एयरबैग का नियम


केंद्र सरकार ने यात्रियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए अब भारत में बिकने वाली सभी कारों के लिए स्टैंडर्ड रूप कम से कम 6 एयरबैग देने का नियम लागू कर दिया है, जिसके लिए निर्माता कंपनियों को कार के आंतरिक ढांचे में परिवर्तन करने के निर्देश दे दिए गए हैं.


बैटरी स्वैपिंग इंफ्रास्ट्रक्चर


देश में इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने के लिए सरकार भारत में बैटरी स्वैपिंग इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार करने पर काम कर रही है. यह एक ऐसी पॉलिसी है जिसका इलेक्ट्रिक वाहन के डिस्चार्ज बैट्री को पूरी तरह से चार्ज बैटरी से बदला जा सकता है.


इलेक्ट्रिक हाईवे


केन्द्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने देश को यह भी जानकारी दी है कि इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने और लंबे सफर के दौरान उनके चार्जिंग से जुड़ी चिंताओं से मुक्ति के लिए सरकार भारत के पहले इलेक्ट्रिक हाईवे का निर्माण कर रही है. जिससे गाडियां हाईवे पर ही चार्ज हो सकेंगी.


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