E-Scooters Crash Testing: ई-स्कूटर्स की बढ़ेगी सुरक्षा! आग लगने की घटनाओं को देखते हुए ARAI ने उठाया ये कदम
छले कुछ सालों में इलेक्ट्रिक स्कूटर से जुड़ी कई आग लगने की घटनाएं सामने आई हैं, जिनके जवाब में, भारत सरकार ने कुछ बैटरी सेफ्टी स्टैंडर्ड्स पेश किए...पढ़ें पूरी खबर.
Safety Testings for Electric Scooters: हाल ही में हुई आग लगने की कई घटनाओं के बाद, पुणे में ऑटोमोटिव रिसर्च एसोसिएशन ऑफ इंडिया (ARAI) ने कुछ प्रमुख इलेक्ट्रिक स्कूटरों के तीन क्रैश टेस्ट पूरे किए हैं. यह दुनिया का पहला ऐसा कदम हो सकता है, जिसमें आईसीई और फुली इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों के लिए अनिवार्य क्रैश टेस्टिंग नियमों के न होने के बावजूद दोपहिया वाहनों का किसी गवर्निंग बॉडी ने क्रैश टेस्ट किया हो. यह भारत में दोपहिया वाहनों के लिए स्टैंडर्ड सेफ्टी क्राइटेरिया को डेवेलप करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम हो सकता है.
इलेक्ट्रिक स्कूटरों के लिए ARAI सेफ्टी क्रैश टेस्ट
एक हालिया मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, ARAI ने दावा किया कि ये खास ग्राहकों के लिए किए गए थे और इसमें शामिल OEM की पहचान का खुलासा करने से इनकार कर दिया गया है. हालांकि, भारी उद्योग मंत्रालय (MHI) के तहत इस ऑटोमोटिव टेस्टिंग एजेंसी ने किए गए टेस्ट्स के कुछ डिटेल्स शेयर किए हैं.
ARAI ने कहा कि टेस्टिंग स्टैंडर्ड्स इंडस्ट्री बेंचमार्क के विरुद्ध किए गए थे, जिसमें डिटेल्ड क्रैश डेटा को कैप्चर करने के लिए एक्सेलेरोमीटर और हाई-स्पीड कैमरों का उपयोग किया गया था. परीक्षणों में एक स्टैंडर्ड हार्ड बैरियर और एक साइड पोल का उपयोग किया गया था. इंडस्ट्री के स्टेकहोल्डर्स का मानना है कि यह लेटेस्ट डेवलपमेंट भारत में अनिवार्य इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर क्रैश टेस्ट की दिशा में महत्वपूर्ण कदम हो सकता है, जो भविष्य में इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर के लिए सेफ्टी स्टैंडर्ड को बढ़ा सकता है.
बैटरी सेफ्टी स्टैंडर्ड्स
पिछले कुछ सालों में इलेक्ट्रिक स्कूटर से जुड़ी कई आग लगने की घटनाएं सामने आई हैं, जिनके जवाब में, भारत सरकार ने कुछ बैटरी सेफ्टी स्टैंडर्ड्स पेश किए. OEM को इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर में सस्ती और घटिया क्वालिटी वाली बैटरी का उपयोग करने से रोकने के लिए स्टैंडर्ड्स को अनिवार्य रूप से लागू किया गया था. इससे इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर की कीमतों पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ा, और इनकी कीमतों में बढ़ोतरी हुई है.
पहले, OEM सस्ते दामों पर इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर का उत्पादन करने के लिए चीन से जेनेरिक बैटरी किट इंपोर्ट करते थे. बैटरी स्टैंडर्ड्स को इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर के लिए रेगुलेशंस की एक लिस्ट को शामिल किया जा सकता है, जो ग्राहकों में बैटरी से चलने वाले टू-व्हीलर को चुनने के लिए अधिक विश्वास पैदा कर सकता है. फिलहाल भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों की हिस्सेदारी 5% है.
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