सेकंड हैंड बाइक खरीदते समय इन 5 बातों को नज़रअंदाज बिलकुल न करें
अगर आपका बजट एक नई बाइक खरीदने का नहीं हैं तो आप पुरानी बाइक (सेकंड हैंड) के बारे में विचार कर सकते हैं. इस रिपोर्ट में हम आपको कई ऐसे टिप्स बता रहे हैं जो आपको एक पुरानी बाइक खरीदने में मदद करेंगे.
नई दिल्ली: वैसे तो नई बाइक खरीदना ही बेहतर होता है, लेकिन जिन लोगों का बजट नई बाइक खरीदने का नहीं है वो सेकंड हैंड बाइक के बारे में विचार कर सकते हैं. लेकीन एक अच्छी पुरानी बाइक खरीदना उतना आसान नहीं होता जितना एक नई बाइक को खरीदना होता है. इसलिए यहां हम आपको कुछ ऐसे टिप्स बता रहे हैं जो आपको एक पुरानी बाइक खरीदने में मदद करेंगे.
सर्विस रेकॉर्ड चेक करें
आपने जो भी सेकंड हैंड बाइक अपने पसंद की है, उसकी फाइनल डील करने से पहले बाइक की सर्विस हिस्ट्री देखें, इससे आपको इस बात का पता चल जायेगा कि बाइक की सर्विस कब और कितनी बार हुई है. सर्विस हिस्ट्री से यह भी पता चल जाएगा कि इंजन ऑयल सही समय पर बदलवाया है या नहीं. इसके अलावा गाड़ी की RC ठीक से चेक करें.
इंश्योरेंस
सेकंड हैंड बाइक खरीदते समय उसका इंश्योरेंस देख लें कि जो बाइक आपको बेची जा रही है, उसका इंश्योरेंस कराया गया है या नहीं. इंश्योरेंस के पेपर्स आपके नाम से ट्रांसफर हो जाए, यह भी सुनिश्चित करा लें. ध्यान रहे कि बाइक बेचने की तारीख तक उस बाइक का रोड टैक्स चुका दिया गया है या नहीं.
मैकेनिक से भी चेक करवा लें बाइक
जब भी कोई सेकंड हैंड बाइक फाइनल करने जाएं तो एक बार किसी जानकार मैकेनिक को भी जरूर साथ लेकर जाएं, क्योंकि मैकेनिक, बाइक को देखकर और उसे स्टार्ट करके आपको बता देगा कि यह खरीदने लायक है या नहीं.
टेस्ट राइड जरूर लें
जिस बाइक को आप खरीदने जा रहे हैं उसकी ठीक से टेस्ट राइड की करके देखें, बिना ड्राइव किये सौदा फाइनल न करें. बाइक चलाकर उसका पिकअप, गियर शिफ्टिंग, एक्सिलेरेटर का पता लगाया जा सकता है कि इनमें कोई खराबी तो नहीं है.
NOC
बाइक को खरीदते वक्त बाइक मालिक से उसकी NOC जरूर ले लें ,साथ ही ध्यान रखे कि बाइक पर कोई लोन तो नहीं चल रहा है,अगर बाइक को लोन लेकर बाइक खरीदी गई है तो आपको उस व्यक्ति से ‘नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट' लेना जरूरी है. यह सर्टिफिकेट इस बात का प्रमाण होगा कि उसने लोन की सारी रकम चुका दी है.
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