Car Crash Testing: भारतीय बाजार में फिलहाल मौजूद कारों की सुरक्षा के मापन के लिए देश में अपनी कोई टेस्टिंग एजेंसी नहीं है. अभी तक देश में ग्लोबल एनकैप, यूरो एनकैप से प्रमाण के आधार पर गाड़ियों की सुरक्षा रेटिंग तय होती है. ये संस्थाएं कारों में यात्रियों की सुरक्षा का विभिन्न बिंदुओं के आधार पर असेसमेंट करती हैं, जिससे कारों की सुरक्षा का पता चलता है. हालांकि इसके लिए देश में बनी कारों को विदेशों में भेजना पड़ता है. लेकिन अब भारत एनसीएपी के आने के बाद ऐसा नहीं होगा. अब कारों की टेस्टिंग भारत स्वयं करेगा और उनकी सेफ्टी रेटिंग तय हो सकेगी. चलिए जानते हैं क्या होंगे इससे फायदे.
क्या है Bharat NCAP?
भारत एनकैप देश में एक ग्राहक केंद्रित प्लेटफॉर्म की तरह कार्य करेगा. यह अब देश में मौजूद कारों की क्रैश टेस्टिंग करेगी और इसी के आधार पर सेफ्टी रेटिंग भी जारी करेगी, जो की यात्रियों की सुरक्षा के लिए बहुत आवश्यक है. साथ ही यह संस्था भारत में प्रभावी एमिशन नॉर्म और गाइडलाइंस के आधार पर गाड़ियों की सुरक्षा की टेस्टिंग करेगी.
ग्लोबल NCAP के आलावा मौजूद है यूरो NCAP
यूरो एनकैप वर्ष 1997 से काम कर रही है. यह संस्था यूरोपियन सड़कों के आधार पर कारों की कंज्यूमर सेंट्रिक प्लेटफॉर्म पर टेस्टिंग करती है. यूरो एनकैप का अर्थ है यूरोपियन न्यू कार असेसमेंट प्रोग्राम. फिलहाल यूरोप में मौजूद अधिकतर कारों के लिए इस संस्था की रेटिंग रिजल्ट को ही माना जाता है. इंटरनेशनल ऑटोमोबील फेडरेशन (FIA) स्वीडिश नेशनल रोड एडमिनिस्ट्रेशन (SNRA) और इंटरनशनल टेस्टिंग संस्था ने सामूहिक रूप से 1996 में इस प्रोग्राम की शुरूआत की थी. यह संस्था होंडा सिविक, Jeep Grand Cherokee, मर्सिडीज- बेंज जीएलसी जैसे लोकप्रिय कारों को 5 स्टार सेफ्टी रेटिंग दे चुकी है.
क्या होंगे भारत NCAP के फायदे?
भारत एनकैप के आने के बाद देश के ग्राहकों को भारतीय सड़कों और परिवेश के आधार पर गाड़ियों में सेफ्टी रेटिंग मिल सकेगी. जिससे कारों में अधिक सुरक्षा मिल सकती है. यह संस्था कार कम्पनियों के अधिक सेफ गाड़ियां बनाने के लिए प्रोत्साहित करेगा.
यह भी पढ़ें :- दिसंबर या जनवरी, जानिए किस महीने में कार खरीदना है फायदे का सौदा
Car loan Information:
Calculate Car Loan EMI