Car Engine: नया वाहन खरीदने का प्लान बनाते समय ज्यादार लोग वाहन के कलर और फीचर्स को देखकर ही पसंद कर लेते हैं, जबकि ये केवल ऊपरी डिजाइन भर होता है. किसी भी वाहन में मुख्य चीज उसका इंजन होता है. जिस पर वाहन की पावर से लेकर माइलेज तक निर्भर करता है. तो चलिए हम आपको इंजन के बारे में कुछ जानकारियां देने जा रहे हैं, ताकि कोई भी वाहन लेते समय आपको इसका पूरा गणित पता रहे और एक दमदार गाड़ी का चुनाव करने में आसानी होगी.


ब्रेक हॉर्स पावर (BHP)


सबसे पहले हम बात करते हैं टॉर्क की, यह वाहन के इंजन के क्रैंक शाफ्ट से जेनेरेट एक घूर्णन शक्ति होती है. यानि टॉर्क को इंजन के लिए 'पुलिंग फोर्स' की तरह काम करता है और यह इंजन को स्टार्ट करते वक्त एक्सिलरेट करने में मदद करता है. इसके अलावा गियरबॉक्स, अल्टरनेटर और वाटर पंप तीनों के एक साथ काम करने पर होने वाले फ्रिक्शन (घर्षण) से हुए पावर लॉस के बाद गाड़ी में जो पावर बचता है, उसे BHP कहा जाता है और यही बचा हुआ पावर वाहन को एक जगह से दूसरी जगह ले जाने वाली पावर के रूप में काम करता है.


वाहन में CC का मतलब


दोपहिया वाहन हो या चार पहिया, फ्यूल से चलने वाले लगभग सभी इंजन CC यानि क्यूबिक कैपेसिटी के आधार पर ही ईंधन की खपत करते हैं. वाहन की क्यूबिक कैपेसिटी जितनी ज्यादा होगी. ईंधन की खपत भी उतनी ही ज्यादा होगी. ईंधन से चलने वाले इंजन की माप क्यूबिक कैपेसिटी से ही की जाती है.


इसलिए वाहन खरीदते समय वाहन की BHP और CC भी चेक करें. ताकि आपको पता चल सके कि आप जिस वाहन को खरीदने का प्लान कर रहे हैं, उसकी पावर कैपेसिटी क्या है. साथ ही अगर आप एक अधिक माइलेज देने वाले वाहन की तलाश में हैं, तो आपको कम से कम बीएचपी और कम सीसी वाले वाहन को प्राथमिकता देनी पड़ेगी. तभी आप एक बेहतर माइलेज वाला वाहन खरीद पाएंगे.


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