Alloy Wheels Disadvantages In Bikes: इस समय बाइक में दो तरह के व्हील्स के विकल्प मिलते हैं- एक स्पोक व्हील्स और दूसरा अलॉय व्हील्स. पुराने समय में अधिकतर दो पहिया वाहनों में स्पोक व्हील्स दिए जाते थे, हालांकि अब ज्यादातर टू व्हीलर्स में अलॉय व्हील्स देखने को मिलने लगे हैं. दोपहिया निर्माता कंपनियां किसी भी बाइक को अलॉय और स्पोक व्हील्स के अलग अलग वेरिएंट्स में पेश करती हैं. दोनों ही विकल्पों को ग्राहक खूब पसंद करते हैं. हालांकि कीमत के मामले में अलॉय व्हील्स वाले वेरिएंट की कीमत अधिक होती है, जबकि स्पोक व्हील्स वेरिएंट थोड़े सस्ते होते हैं. लेकिन बहुत से लोग शुरू में स्पोक व्हील्स वेरिएंट को खरीद लेते हैं, लेकिन कुछ समय बाद वे इसे ऑफ्टरमार्केट अलॉय व्हील्स से रिप्लेस करा लेते हैं. हालांकि इसके बहुत से बड़े नुकसान भी होते हैं, तो चलिए जानते हैं क्या हैं आफ्टरमार्कट अलॉय व्हील्स लगवाने के नुकसान.  


क्या होते हैं नुकसान


अलॉय व्हील अधिक लचीले नहीं होते हैं और जब यह किसी चीज से तेजी से टकराते हैं तो यह तेज फोर्स को अब्जॉर्ब नहीं कर पाते हैं. जिससे यह स्पोक व्हील के मुकाबले जल्दी टूट जाते हैं. जबकि स्पोक व्हील्स अधिक फोर्स अब्जॉर्ब कर लेते हैं.


अलॉय व्हील की कीमत स्पोक व्हील्स के मुकाबले ज्यादा होती है. साथ ही टूटने की स्थिति में इनके रिपेयर होने की संभावना कम होती है. जबकि स्पोक व्हील्स को आसानी से रिपेयर कराया जा सकता है.


बाजार में मिलने वाले अलॉय व्हील्स पर आमतौर वारंटी नहीं मिलती है और यदि अलॉय व्हील टूट जाते हैं तो ऐसे में इसका नुकसान आपको खुद ही उठाना पड़ेगा. 


अलॉय व्हील की क्वालिटी हल्की होती है, जिसे तेज स्पीड में बाइक स्टेबिलिटी और बैलेंसिंग कम हो जाती है. जिसे एक्सीडेंट होने का खतरा रहता है. साथ ही क्रॉसवाइंड होने पर हल्के व्हील्स में अधिक स्टेबिलिटी नहीं मिलती है. जिससे बाइक पर नियंत्रण रख पाना काफी मुश्किल होता है.


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