Bike engine tuning disadvantage: भारत में ईंधन की कीमतें अब काफी ऊंचाई पर हैं. इसके चलते ज्यादातर दोपहिया वाहन मालिक, खासकर ऐसे लोग जिनका बाइक का सफर काफी ज्यादा होता है. अपनी बाइक से ज्यादा माइलेज लेने के चक्कर में फ्यूल ट्यूनिंग करवा लेते हैं. उन्हें इस बात का अंदाजा ही नहीं होता, कि वो थोड़ी से बचत के चक्कर में ज्यादा का नुकसान कर रहे हैं. इसीलिए आज हम फ्यूल ट्यूनिंग के बारे में जानकारी देने जा रहे हैं. ताकि आप इससे होने वाले नुकसान से बच सकें.


एक्सेलरेटर का ज्यादा प्रयोग


जब आप बाइक में ज्यादा माइलेज लेने के लिए फ्यूल ट्यूनिंग करा लेते हैं, तब इंजन में फ्यूल की सप्लाई कम हो जाती है. आपको बार-बार ऐसा महसूस होता रहता है, कि बाइक बंद होने वाली है और आप बार एक्सेलरेटर लेते रहते हैं. ऐसा तब ज्यादा होता है, जब आप किसी भीड़-भाड़ वाले इलाके या जाम में फसे हों.


स्टार्ट होने में टाइम लगना


जब फ्यूल मैकेनिक फ्यूल ट्यून करता है. अगर आपने ध्यान दिया हो तो, वो बाइक के इंजन के पास लगे कार्बोरेटर को ट्यून करता है. यहीं से इंजन में आयल कि सप्लाई होती है. जिसे ट्यून कर के काफी काम कर दिया जाता है. ऐसा करने से रात भर बाइक के खड़े रहने के बाद जब ऑन किया जाता है, तो बाइक स्टार्ट होने में काफी समय लगता है. सर्दी के मौसम में तो ये परेशानी और भी ज्यादा बढ़ जाती है.


सीज हो सकता है इंजन


थोड़े से पैसे बचाने के लिए की गयी फ्यूल ट्यूनिंग से आपकी बाइक के इंजन पर बहुत ही गलत प्रभाव पड़ता है. जब आप बाइक का प्रयोग करते हैं, तो आपको खुद ऐसा लगता है. कि बाइक का इंजन अपनी पूरी क्षमता से काम नहीं कर पा रहा. इंजन को कम ईंधन मिलने की वजह से आपकी बाइक का इंजन सीज हो सकता है.


यह भी पढ़ें :- Bike Engine: क्या होता है गाड़ी के इंजन में CC का मतलब? जानें कितनी पॉवरफुल बाइक है आपके लिए सही?


Car loan Information:

Calculate Car Loan EMI