एथर एनर्जी ने HDFC बैंक और IDFC फर्स्ट बैंक से मिलाया हाथ, ग्राहकों को ऑटो लोन में होगी आसानी
इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहन निर्माता एथर एनर्जी ने अपने ई-स्कूटरों के लिए रिटेल फाइनेंस की पेशकश करने के लिए एचडीएफसी बैंक और आईडीएफसी फर्स्ट बैंक के साथ साझेदारी की है.
इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहन निर्माता एथर एनर्जी ने अपने ई-स्कूटरों के लिए रिटेल फाइनेंस की पेशकश करने के लिए एचडीएफसी बैंक और आईडीएफसी फर्स्ट बैंक के साथ साझेदारी की है. एथर एनर्जी ने कहा कि इस साझेदारी से कंपनी ई-स्कूटर के ग्राहकों को तुरंत और आसानी से कर्ज की सुविधा दे पाएगी. निजी क्षेत्र के दोनों बैंक खरीदारों को कम ब्याज दरों पर अधिकतम कर्ज मुहैया कराएंगे.
कंपनी ने कहा कि उसके ग्राहक खरीद के समय वाहन की कीमत के 95 फीसदी तक कर्ज लेना पसंद करते हैं और इसकी अवधि 2-3 साल रखना चाहते हैं. कंपनी के मुताबिक, वित्तपोषण की सुविधा होने से ग्राहकों के लिए इलेक्ट्रिक वाहन खरीदना आसान हो जाता है.
एथर एनर्जी ने कहा कि टियर-2 एवं टियर-3 शहरों में विस्तार को देखते हुए बिना क्रेडिट हिस्ट्री वाले ग्राहकों को वाहन कर्ज मुहैया कराना काफी अहम है. इसमें एचडीएफसी बैंक और आईडीएफसी फर्स्ट बैंक के साथ साझेदारी काफी मददगार होगा.
एथर एनर्जी के मुख्य कारोबार अधिकारी रवनीत फोकेला ने कहा, हमें भरोसा है कि एचडीएफसी बैंक और आईडीएफसी फर्स्ट बैंक के साथ साझेदारी से ग्राहकों के लिए वाहन खरीद पाना आसान हो जाएगा और इलेक्ट्रिक वाहन के शौकीनों का विश्वास भी बढ़ेगा.
विकसित होते ईवी उद्योग ने पिछले एक साल में महत्वपूर्ण वृद्धि दर्ज की है, कंपनी ने जोर देकर कहा कि इसने अपनी 450 सीरिज की मांग में उल्लेखनीय वृद्धि देखी है, जिसमें 20 प्रतिशत की क्रमिक वृद्धि दर्ज की गई है.
यह कहते हुए कि पिछले दो वर्षों में एथर में वित्त पैठ काफी बढ़ गई है, कंपनी ने कहा कि इसका उद्देश्य ईवी स्वामित्व और अपने ग्राहकों के लिए खरीद में आसानी के लिए एक तनाव मुक्त वातावरण बनाना है.
एथर एनर्जी के अनुसार, कंपनी के टियर 2 और 3 शहरों में विस्तार करने के बाद से यह एक महत्वपूर्ण खंड बन गया है. भारत में ऑटोमोबाइल बड़े पैमाने पर वित्त विकल्पों के माध्यम से खरीदे जाते हैं. कंपनी ने कहा कि भारत में बिकने वाले 10 में से आठ वाहन दोपहिया हैं और ग्राहक की खरीद यात्रा में वित्त महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है.
एथर एनर्जी ने कहा कि भारत में दोपहिया वाहनों के लिए वित्त की पहुंच 50 फीसदी के करीब है. हाल की एक रिपोर्ट के अनुसार, घरेलू दोपहिया कर्ज बाजार 2025 तक बढ़कर 12.3 बिलियन अमेरिकी डॉलर होने की उम्मीद है.
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