Tips For Buying Bike Insurance: भारत में दोपहिया वाहनों की संख्या बहुत ज्यादा है. ज्यादातर लोग दोपहिया वाहनों का इस्तेमाल करते हैं. अगर आप भी इन लोगों में शामिल हैं, जो दोपहिया वाहनों का इस्तेमाल करते हैं तो आपको यह जानकारी जरूर होगी कि वाहन के लिए बीमा कितना जरूरी है. बिना बीमा के बाइक चलाना यातायात नियमों का उल्लंघन माना जाता है और अगर आप ऐसा करते हैं तो इसके लिए यातायात पुलिस आपका चालान भी काट सकती है. ऐसे में आज हम आपको कुछ जरूरी बातें बताने वाले हैं, जिनका आपको अपनी बाइक के लिए इंश्योरेंस लेते समय खासतौर पर ख्याल रखना चाहिए.


आईडीवी
कंपनियां जब इंश्योरेंस पॉलिसी जारी करती हैं तो उसमें एक आईडीवी (Insured Declared Value) दी होती है, जो कंपनी की नजर में आपकी बाइक की कीमत होती है. आईडीवी जितनी ज्यादा होगी, आपकी बाइक का प्रीमियम उसी हिसाब से पॉलिसी देने वाली कंपनी बढ़ा देती है. यह कम होगी तो प्रीमियम कम हो जाता है. जब आप पॉलिसी लें तो आईडीवी सही चुनें.


ये भी पढ़ें: Bike और Scooter खरीदते समय इन बातों का रखें ख्याल, बाद में पछताने से बच जाएंगे


इंश्योरेंस टाइप
जब आप अपनी बाइक के लिए इंश्योरेंस पॉलिसी ले रहे हों तो आपको यह तय करना होगा कि आप कॉम्प्रिहेंसिव इंश्योरेंस पॉलिसी लेंगे या फिर थर्ड पार्टी इंश्योरेंस पॉलिसी लेंगे. इन दोनों के अलग-अलग उद्देश्य होते हैं. कॉम्प्रिहेंसिव इंश्योरेंस पॉलिसी में कंपनी आपकी मोटरसाइकिल को भी कवर प्रोटेक्शन देती है जबकि थर्ड पार्टी इंश्योरेंस में सिर्फ तीसरे व्यक्ति के नुकसान का कवर मिलता है. थर्ड-पार्टी कवर हमेशा कॉम्प्रिहेंसिव कवर की तुलना में सस्ता होता है.


ये भी पढ़ें: Best Selling Car: 2021 में जमकर हुई इन 4 गाड़ियों की बिक्री, कीमत भी ज्यादा नहीं


एक्सीडेंट और क्लेम
पूर्व में हुआ बाइक का एक्सीडेंट और लिए गए इंश्योरेंस का क्लेम, आपकी बाइक के नए इंश्योरेंस के प्रीमियम पर असर डालता है. अगर आपकी बाइक का पहले एक्सीडेंट हो चुका है और आपने पहले इंश्योरेंस कंपनी से उसका क्लेम लिया है तो अब जब आप फिर से इंश्योरेंस कराने जाएंगे तो आपको बाइक का इंश्योरेंस प्रीमियम ज्यादा महंगा पड़ेगा. इसका भी ख्याल रखना चाहिए.


Car loan Information:

Calculate Car Loan EMI