Two Wheeler Important Papers: भारत में 4-व्हीलर वाहनों की अपेक्षा 2-व्हीलर वाहनों के खरीदारों की संख्या अधिक है. 2 व्हीलर गाड़ियों के चालान भी 4 व्हीलर गाड़ियों की अपेक्षा ज्यादा ही कटते हैं. देश में इन दिनों ट्रैफिक नियमों के पालन में यातायात पुलिस काफी सक्रिय दिख रही है. यहां पर हम आपको कुछ अहम दस्तावेजों (Documents) के बारे में बताने वाले हैं जिन्हें आपको ड्राइविंग के दौरान अपने साथ रखना ही चाहिए.


ड्राइविंग लाइसेंस- ड्राइविंग लाइसेंस (Driving Licence) के बारे में आपको जानकारी दे दें कि ड्राइविंग लाइसेंस से यह सिद्ध होता है कि व्यक्ति को कौन-कौन से वाहनों को चलाने की अनुमति है जैसे 2-व्हीलर, 3-व्हीलर, और 4-व्हीलर. ड्राइविंग लाइसेंस एक प्रकार का वाहन रखने का सर्टिफिकेट भी होता है. ड्राइविंग टेस्ट पास करके के बाद आप अपना ड्राइविंग लाइसेंस बनवा सकते हैं. यदि आपका ड्राइविंग लाइसेंस एक्सपायर हो गया है तो इसको रिन्यू कराना भी अति आवश्यक है. यदि आप बिना उचित ड्राइविंग लाइसेंस के गाड़ी चलाते हुए पकड़े जाते हैं तो इसके लिए आपको जुर्माना भी देना पड़ सकता है. 


दो पहिया रेजिस्ट्रेशन सर्टिफ़िकेट- वाहन को क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय (RTO) से पंजीकरण कराना भी जरूरी होता है. कम शब्दों में कहें तो वाहन का रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट होना आपके लिए अनिवार्य है. रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट में चेचिस नंबर, इंजन नंबर, प्रयोग किए जाने वाले ईंधन की जानकारी, वाहन की श्रेणी, जिन सीमाओं में वाहन का प्रयोग किया जा रहा है और उसकी क्षमता की जानकारी देखने को मिलती है. 


वाहन बीमा- कानूनन, वाहन का बीमा, गाड़ी के महत्त्वपूर्ण दस्तावेजों में से एक होता है. वाहन के बीमा में  आपको वाहन का रजिस्ट्रेशन नंबर, बीमाकर्ता का नाम, कोवेरेज प्रकार और बीमा की समयावधि जैसी  जनकारी देखने को मिलती है. 


प्रदूषण नियंत्रण प्रमाण पत्र- वाहनों से निकलने वाला प्रदूषित धुआं, वातावरण के लिए घातक होता है. वाहनों में समय-समय पर प्रदूषण की जांच कराना अति आवश्यक होता है. वाहन के प्रदूषण नियंत्रण प्रमाण पत्र में उत्सर्जन स्तर की समस्त जानकारियां होती हैं. सरकार द्वारा निर्धारित किए गए मानकों के हिसाब से, इस प्रमाण पत्र में बाइक के उत्सर्जन स्तर की जानकारियों का मिलान होना अति आवश्यक होता है. 


वाहन फिटनेस प्रमाण पत्र- वाहन के फिटनेस की जांच आरटीओ के द्वारा की जाती है, इसके पश्चात निर्धारित मानकों पे फिट बैठने पर आपके वाहन को फिटनेस प्रमाण पत्र मिल जाता है. टू व्हीलर वाहनों का फिटनेस निर्धारित मानकों में होना अति आवश्यक है. वहीं अगर आपके वाहन में उत्सर्जन क्षमता में कोई समस्या निकलती है तो RTO के द्वारा यह प्रमाण पत्र जारी नहीं होता है. अगर आप बिना फिटनेस प्रमाण पत्र के यात्रा करते हैं तो यह कानून के हिसाब से अवैध होगा.  


चालक का मेडिकल सर्टिफ़िकेट- मेडिकल सर्टिफिकेट के संबंध में आपको बता दें की निर्धारित 50 वर्ष की आयु के बाद ड्राइवर को मेडिकल सर्टिफिकेट बनवाना अति आवश्यक है. मेडिकल सर्टिफिकेट में प्रमाणित डॉक्टर के हस्ताक्षर होना अति आवश्यक है और यह तभी संभव है जब आप दो पहिया वाहन चलाने में एकदम फिट पाए जाते हैं.


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